हैदराबाद :24 मार्च साल 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में रात आठ बजे 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी. आज लॉकडाउन को एक साल पूरा हो गया है. देश ने इस दौरान कई बड़े बदलाव देखे. जानिए इस एक साल के दौरान देश में कैसे चीजें बदलीं.
पहले:मार्च 2020 में भारत में 57 प्रयोगशालाएं थी जो रियल टाइम पीसीआर (आरटीपीआर) कर कोरोना वासरस के संक्रमण का परिक्षण करती थी. अन्य 56 प्रयोगशालाओं में नमूने को एकत्र करने और परीक्षण केंद्रों तक पहुंचाने की अनुमति दी गई थी.(स्वैब और वायरल ट्रांसपोर्ट मीडिया)
अब : आज देश में 2,425 प्रयोगशालाएं हैं जो कोविड-19 का परीक्षण करती हैं.जिनमें से 545 सरकारी प्रयोगशालाएं हैं और 844 निजी प्रयोगशालाएं हैं जो आरटीपीसीआर परीक्षण करती हैं. 900 ऐसी परीक्षण सुविधाएं हैं जो ट्रूनेट प्लेटफॉर्म हैं और 132 केंद्र है जहां CBNAAT (कार्ट्रिज आधारित न्यूक्लिक एसिड प्रवर्धन परीक्षण) परीक्षण किया जाता हैं.
नमूनों का परीक्षण
पहले :भारत में 6 मार्च 2020 तक 4,058 नमूनों का परीक्षण किया गया.
अब :22 मार्च 2021 तक भारत में 9,67,459 कोरोना वायरस के नमूनों का परीक्षण किया गया. पिछले एक साल में कुल 23,54,13,233 नमूनों का परीक्षण किया गया.