हरिद्वार:पथरी जहरीली शराब कांड में मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को हरिद्वार जहरीली शराब कांड में 9वीं मौत हुई (one more death in Toxic alcohol) है. जिस व्यक्ति की मौत हुई है, उसका एम्स में इलाज चल रहा था, जिसने सोमवार को दम तोड़ दिया.
जिस व्यक्ति ने सोमवार को एम्स में इलाज के दौरान दम तोड़ा है, उसका नाम देवेंद्र पुत्र बीरबल निवासी दुर्गागढ़ था. हरिद्वार जहरीली शराब कांड (Poisonous Liquor Case haridwar) में तीन दिनों के भीतर वैसे तो लोगों में चर्चा है कि 11 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन जिला प्रशासन तीन दिन पहले हुई तीन लोगों की मौत का कारण जहरीली शराब पीनी नहीं मान रहा है. ऐसे में सरकारी आंकड़ों के हिसाब से हरिद्वार जहरीली शराब कांड में 9 लोगों की मौत हुई है.
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जिलाधिकारी और एसएसपी के बयानों में विरोधाभास:पथरी थाना क्षेत्र में हुए शराब कांड को लेकर हरिद्वार के जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे ने सबसे पहले लिखित बयान जारी कर साफ किया था कि यह चार मौत जहरीली शराब पीने के कारण नहीं हुई थी, बल्कि दो को मौत अत्यधिक शराब पीने के कारण हुई है.
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उन्होंने कहा था कि पूछताछ में पता चला है कि बिरमपाल निवासी ग्राम शिवगढ़ उम्र लगभग 70 वर्ष का बीमार होने व मदिरा का सेवन न किया जाना प्रकाश में आया है. अमरपाल निवासी ग्राम फूलगढ़ उम्र लगभग 30 वर्ष की मौत 9 अगस्त को आपसी मारपीट के कारण होना प्रकाश में आया है. जिसके संबंध में थाना पथरी में भी मुकदमा पंजीकृत है.
ग्राम फूलगढ़ में मनोज उम्र लगभग 40 वर्ष की मृत्यु अत्यधिक शराब का सेवन करने के कारण होना प्रकाश में आया है. डीएम के बयान में कहीं भी जहरीली शराब को मौतों का कारण नहीं बताया गया था. जबकि एसएसपी ने रविवार को की प्रेस वार्ता में एक प्रधान प्रत्याशी को गिरफ्तार कर साफ किया था कि मौतों का कारण शराब पीना है और जिस व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उस व्यक्ति के घर में ही इन सब लोगों ने शराब पी थी. ऐसे में अब यह विरोधाभास है कि आखिरकार जिलाधिकारी का बयान सही है या फिर एसएसपी का.
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इनकी हुई मौत:
- रूपचंद 60 निवासी फूलगढ़
- आशाराम 60 वर्ष निवासी फूलगढ़
- अजय 45 वर्ष निवासी फूलगढ़
- किशन पुत्र राजेंद्र कुमार 32 साल निवासी शिवगढ़
- तेजू पुत्र राम सिंह उम्र 60साल
- सुखपाल 40 वर्ष निवासी शिवगढ़,
- सुखराम 40 वर्ष निवासी शिवगढ़
- अरुण उम्र लगभग 38 वर्ष
- देवेंद्र पुत्र बीरबल निवासी दुर्गागढ़
बता दें कि अभीतक इस पूरे मामले में थानाध्यक्ष और थाने में तैनात पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है. साथ ही घटना की जांच के लिए SIT का गठन भी किया है. थानाध्यक्ष की नई तैनाती चुनाव आयोग से अनुमति के बाद की जाएगी.