श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के दारहल इलाके के परगल में सेना कैंप पर हुए आत्मघाती हमले में चार जवान शहीद हुए हैं. शहीद जवानों की पहचान सूबेदार राजेंद्र प्रसाद, राइफलमैन मनोज कुमार और राइफलमैन लक्ष्मणन डी. और राइफलमैन निशांत मलिक के रूप में हुई है. बहादुरी से लड़ते हुए और 2 आतंकवादियों को मार गिराने के दौरान घायल हुए राइफलमैन निशांत मलिक (Nishant Malik) ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
भारतीय सेना की ओर से ट्वीट किया गया कि 'सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और सभी जवान राइफलमैन निशांत मलिक के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं, जिन्होंने राजौरी में कर्तव्य निभाते हुए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया.' भारतीय सेना ने शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है. राइफलमैन निशांत मलिक हिसार (हरियाणा) के रहने वाले थे.
यह हमला सोमवार को देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के चार दिन पहले हुआ. पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बताया कि गुरुवार को हमला करने वाले दोनों ’फिदायीन’ संभवत: आतंकी गुट जैश-ए-मोहम्मद के थे. सिंह के अनुसार, दोनों ने शिविर में घुसने का प्रयास किया लेकिन वे मारे गए. जम्मू में सेना के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने बताया, 'गुरुवार की तड़के, राजौरी जिले के पारगल में सेना की चौकी पर तैनात सतर्क संतरियों ने संदिग्ध व्यक्तियों को खराब मौसम का फायदा उठाते हुए चौकी के पास आते देखा.'
उन्होंने कहा कि संतरियों ने उन दो आतंकवादियों को चुनौती दी जिन्होंने चौकी के अंदर प्रवेश करने का प्रयास करते हुए ग्रेनेड फेंके. उन्होंने बताया कि हालांकि, सतर्क सैनिकों ने क्षेत्र को घेर लिया. आनंद ने बताया कि गोलीबारी में दो आतंकवादी मारे गये और इस अभियान में भारतीय सेना के छह सैनिक घायल हो गये और उनमें से चार जवान शहीद हो गए.