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इजराइल हमास युद्ध के एक महीने पूरे, लड़ाई और भीषण होने की आशंका - इजराइली बंधकों की जान खतरे में

One Month of Israel Hamas War : इजराइल और हमास के बीच युद्ध की शुरुआत हुए एक महीने हो गए. इजराइल ने दावा किया है कि उसने गाजा शहर को दो हिस्सों में बांट दिया है. उत्तरी गाजा में इजराइली सेना जल्द ही ग्राउंड ऑपरेशन करने वाली है. दक्षिणी गाजा में भारी संख्या में लोगों ने शरण ले रखी है. उत्तरी गाजा के सुरंगों में हमास के लड़ाके जमे हुए हैं. इजराइली पीएम ने हमास को खत्म करने की बात दोहराई है. हमास ने कहा है कि इजराइली बंधकों की जान खतरे में है.

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इजराइल हमास युद्ध

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 6, 2023, 5:51 PM IST

नई दिल्ली : इजराइल और हमास के बीच शुरू हुए युद्ध को एक महीने हो गए हैं. इसकी शुरुआत सात अक्टूबर को उस समय हुई थी, जब हमास ने अचानक ही इजराइल पर हमला कर दिया. इस हमले में 1400 इजराइली मारे गए. हमास ने 240 लोगों को भी बंधक बना रखा है. इसके बाद इजराइल ने जवाबी कार्रवाई शुरू की. दोनों ओर से हो रहे हमले और जवाबी हमले में अब तक 9500 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं.

इजराइल के करीब तीन लाख से अधिक सैनिकों ने गाजा को घेर रखा है. गाजा पर बमबारी जारी है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हमास ने गाजा में कई सुरंगों का निर्माण कर रखा है. इजराइल के कुछ बंधक उसी सुरंग में हैं, लिहाजा उस पर सीधी बमबारी से इजराइल बच रहा है. इजराइल ने आरोप लगाया है कि हमास लोगों को ह्युमन शील्ड के तौर पर प्रयोग कर रहा है.

इजराइली सेना गाजा शहर में बहुत धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है. इसके बावजूद वहां पर 4,000 से अधिक बच्चे मारे गए हैं. इजराइल ने दावा किया है कि उसने गाजा को दो भागों में बांट दिया है. उत्तरी और दक्षिणी इलाकों में. गाजा में सूचना प्रणाली ठप है. इजराइल ने सर्वरों को डिस्कनेक्ट कर दिया है. सेना उत्तरी इलाके में ग्राउंड ऑपरेशन कर सकती है. सीजफायर को लेकर की गई अपील पर इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि जब तक हमास का सफाया नहीं हो जाता है, ऑपरेशन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि इसे स्वीकार करना हार मानने जैसा होगा.

इजराइली सेना ने दावा किया है कि हमास के लड़ाकों ने अस्पताल को अपना बेस बना लिया है, इसलिए उन्हें अल शिफा अस्पताल पर हमला करना पड़ा. हमास का आरोप है कि इजराइली सेना आम फिलिस्तीनियों पर हमले कर रही है. इजराइल ने इसका खंडन किया है.

संयुक्त राष्ट्र राहत एंव कार्य एजेंसी के अनुसार गाजा के 15 लाख नागरिक विस्थापित हुए हैं. इनमें से करीब आधे लोग यूएन द्वारा प्रबंधित कैंपों में हैं. एजेंसी के अनुसार दोनों ओर हो रही फायरिंग और बमबारी में यूएन के 88 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है. कैंपों में भी पर्याप्त भोजन और पानी का अभाव है.

युद्ध कब तक चलेगा, किसी को कोई आइडिया नहीं है. मध्य पूर्व के देशों ने दोनों पक्षों से शांति की अपील की है. सऊदी अरब, मिस्र और यूएई जैसे देशों ने अमेरिका से इजराइल को युद्ध रोकने के लिए मनाने को कहा है. अमरीकी रक्षा मंत्री इसी क्षेत्र में हैं, और वे अलग-अलग देशों के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर रहे हैं, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल रहा है.

अमरीका के रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर इस समय अगर इजराइल हमले बंद करता है, तो हमास का मनोबल बढ़ेगा और वह फिर से संगठित होकर भविष्य में हमले करेगा. हालांकि, ब्लिंकन ने इजराइल से कहा कि उसके हमले में किसी भी निर्दोष नागरिकों की जान न जाए, उसे इसका ख्याल रखना होगा.

एक दिन पहले इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ तौर पर कहा कि जब तक सभी इजराइली बंधकों को रिहा नहीं करा लिया जाता है, तब तक संघर्ष विराम नहीं होगा. नेतन्याहू ने कहा कि हमास के खिलाफ हमारी जंग जारी रहेगी.

हमास ने हिजबुल्लाह और अन्य चरमपंथी संगठनों को साथ आने का आह्वान किया है. हिजबुल्लाह इजराइल के उत्तरी छोर पर लेबनानी इलाके पर नियंत्रण रखता है. उसे ईरान का समर्थन हासिल है. हिजबुल्लाह ने हमास के समर्थन में कई बार इजराइल पर बमबारी की है. इसलिए इजराइल ने दक्षिण लेबनान के इलाके में रॉकेट से हमला किया. हिजबुल्लाह हमास से भी अधिक खतरनाक संगठन है. हाल के दिनों में हिजबुल्लाह चीफ और हमास प्रमुख को मुलाकात करते देखा गया था.

तुर्की ने भी इजराइल को लेकर अपना रूख कड़ा कर लिया है. मिस्र नहीं चाहता है कि फिलिस्तीनी नागरिक उनके यहां शरण ले. वह नहीं चाहता है कि हमास की पैठ मिस्र में बने. दरअसल मिस्र में मुस्लिम ब्रदरहुड मजबूत न हो, इसलिए वहां के शासक नहीं चाहते हैं कि हमास आए. हमास मुस्लिम ब्रदरहुड से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ा है.

गाजा पर कार्रवाई करने से पहले इजराइल ने आम फिलिस्तीनियों को दक्षिण गाजा शिफ्ट होने को कहा था. बहुत सारे लोग गाजा छोड़कर निकलना चाहते थे. लेकिन इजराइल के मुताबिक हमास ने नागरिकों को बाहर जाने नहीं दिया. हालांकि, बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी दक्षिणी गाजा शिफ्ट हुए हैं. दक्षिण गाजा से मिस्र की सीमा लगती है. यहां पर राफाह बॉर्डर है. इस बॉर्डर के जरिए ही यूएन एजेंसी खाना, पानी और मदद सामग्री गाजा तक ले जा रहा है. वैसे, इस क्रॉसिंग से फिलिस्तीनियों को मिस्र जाने की इजाजत नहीं दी गई.

गाजा सबसे घनी आबादी वाला क्षेत्र है. इसकी आबादी करीब 25 लाख है. वेस्ट बैंक के इलाके पर इजराइल का कब्जा है. हालांकि, यहां भी इजराइली नागरिकों की सुरक्षा खतरे है, क्योंकि फिलिस्तीनियों की भावनाएं भड़क रहीं हैं.

क्या है विवाद - यरुशलम को इजराइल अपनी राजधानी मानता है. फिलिस्तीनी भी यरूशलम को ही अपनी राजधानी मानते हैं. यरूशलम शहर ईसाई, मुस्लिम और यहूदी, तीनों ही धर्मों के लिए पवित्र स्थल है. फिलिस्तीनी गाजा और वेस्ट बैंक इलाके में बसे हुए हैं. गाजा इलाके पर हमास का नियंत्रण है. वेस्ट बैंक इलाके पर फिलिस्तीनी प्राधिकरण का शासन है. फिलिस्तीन मामले पर फिलिस्तीनी प्राधिकरण को ही मान्यता मिली हुई है. हमास को अमेरिका समेत कई देशों ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है.

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