सूरत: दीपावली और छठ पूजा पर अपने गृहनगर जाने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पांच यात्रियों की तबीयत बिगड़ गई, जिसमें से एक व्यक्ति की मौत हो गई. अगर ट्रेन की 1700 सीटों के लिए हर दिन 5000 से ज्यादा यात्री रेलवे स्टेशन पहुंचेंगे तो ऐसी स्थिति पैदा होना स्वाभाविक है, इस पर ईटीवी भारत ने खबर प्रकाशित की है, लेकिन सिस्टम की ओर से उचित कार्रवाई नहीं की गई, जिसका नतीजा है कि आज यह हादसा हुआ है.
हालांकि रेलवे ने बाद में मृतक अंकित सिंह के परिवार को दस लाख रुपये मुआवजा देने का एलान किया है, और अनारक्षित फेस्टिवल ट्रेन चलाने का फैसला किया है. राज्य के गृहमंत्री हर्ष सांघवी ने बैठक कर हालात की समीक्षा की है.
सूरत से छपरा जाने वाली तापी गंगा एक्सप्रेस सूरत रेलवे प्लेटफार्म नंबर 4 पर आती है. फिलहाल आरक्षण की कोई स्थिति नहीं है, जनरल कोच में सफर करने के लिए यात्री 48 घंटे पहले सूरत रेलवे स्टेशन पर पहुंच जाते हैं, फिर भी यात्रियों को ट्रेन में पैर रखने तक की जगह नहीं मिलती है. रेलवे स्टेशन पर 1700 सीटों के लिए 5 हजार से ज्यादा यात्री खड़े नजर आते हैं. सूरत रेलवे स्टेशन पर पिछले चार-पांच दिनों से यही स्थिति बन रही है. भारी भीड़ के कारण कुछ यात्री बेहोश भी हो जाते हैं, वहीं दूसरी ओर रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ जवानों की संख्या सीमित है.
यात्रियों की तबीयत बिगड़ी :शनिवार को सूरत एक्सप्रेस में चढ़ने के लिए घंटों से लाइन में खड़े यात्री ट्रेन आते ही धक्का-मुक्की करने लगे. जिससे पांच यात्री बेहोश हो गए जिसमें से एक की हालत गंभीर होने पर 108 से अस्पताल पहुंचाया गया.
छठ पूजा के लिए बिहार जाने के लिए घंटों लाइन में लगे यात्री अंकित वीरेंद्रसिंह की मौत हो गई, जबकि दो महिला समेत दो अन्य यात्री भी बेहोश हो गए. महिला यात्री सुइजा बेनसिंह के पति ट्रेन में चढ़ गए, जबकि वह प्लेटफार्म पर ही रह गईं.