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साबरमती की तर्ज पर अब काशी में तैयार होगा रिवर फ्रंट, खिंचे चले आएंगे पर्यटक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र काशी को सजाने-संवारने और इसे पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने के लिए सरकार ने तमाम विकास कार्य कराए हैं. इस क्रम में वाराणसी में रिवर फ्रंट (River Front in Varanasi) बनाने की योजना बनी है. आइए जानिए क्या है इस योजना की खासियत और कब होगी पूरी...

वाराणसी
वाराणसी

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 31, 2023, 6:00 PM IST

वाराणसी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लाई गई योजना.

वाराणसी :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को सजाने-संवारने और यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यूपी सरकार कई योजनाओं पर काम कर रही है. इस क्रम में पर्यटन विभाग एक और बड़ी योजना पर कमा शुरू करने जा रहा है. काशी में अब रिवर फ्रंट का निर्माण किया जाएगा. इसके लिए गढ़वा घाट को चुना गया है. पर्यटन विभाग ने एक प्लान तैयार कर शासन को प्रस्ताव भेजा है. गढ़वा घाट पर रिवर फ्रंट तैयार होने के बाद यहां पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है.

बदल रही काशी की काया.

साबरमती रिवरफ्रंट की तर्ज पर होगा विकसित :प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र होने के नाते वाराणसी को तमाम सुविधाएं मिलती रही हैं. बीते नौ सालों में काशी की काया ही बदल गई है. मल्टीलेवल पार्किंग, घाट, सीएनजी स्टेशन जैसी कई योजनाएं धरातल पर उतरी हैं. आपको याद होगा जब साल 2013 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद के लिए भाजपा से दावेदार बनाए गए तो उस समय गुजरात मॉडल खूब चर्चा में था. गुजरात में भी ठीक इसी तरीके से प्रधानमंत्री मोदी ने विकास के कार्यों को आगे बढ़ाया था. साबरमती आश्रम के पास बना साबरमती रिवरफ्रंट काफी पसंद किया जाता है. ठीक उसी तरह सनातन पर आधारित एक रिवर फ्रंट काशी में बनने जा रहा है.

बदल रही काशी की काया.

गढ़वा घाट पर निर्माण का प्रस्ताव : इस बारे में ईटीवी भारत ने बात की पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत से. उन्होंने कहा- 'गढ़वा घाट पर पर्यटन विभाग की तरफ से एक रिवर फ्रंट बनाने का प्रस्ताव है. प्रस्ताव कार्यदायी संस्था से तैयार कराकर शासन पास स्वीकृति के लिए भेजा गया है. इस योजना के तहत गढ़वा को नमो घाट की तरह तैयार किया जाएगा. यही रिवर फ्रंट का रूप लेगा. यहां आने वाले पर्यटकों को यह काफी पसंद आएगा. विभाग इसी विश्वास के साथ ही इस योजना की तैयारी में लगा हुआ है.'

300 मीटर में रिवर फ्रंट का लुक :आरके रावत कहते हैं, 'रिवर फ्रंट घाट और नदी से जुड़ा हुआ रहेगा. लगभग 300 मीटर में ये तैयार होगा. इसके साथ ही घाट पर स्नान की व्यवस्था होगी. वहां पर चेंजिंग रूम, फूट स्टॉल और लाइट इत्यादि की व्यवस्था की जाएगी. प्लांटेशन की भी व्यवस्था की होगी. इस घाट को रिवर फ्रंट जैसा लुक देंगे. यह हमारी प्राथमिकता में है. इसे जल्द से जल्द पूरा कराया जाएगा.' बता दें कि पर्यटन विभाग वाराणसी में धरोहरों का पुनर्निर्माण और सौंदर्यीकरण भी कर रहा है. इस क्रम में सभी स्थलों पर लाइटिंग, सीढ़ियों, साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जा रहा है.

करीब 9 करोड़ आएगी लागत :महानगरों की तर्ज पर वाराणसी में भी रिवर फ्रंट बनाने की तैयारी की जा रही है. अंतर सिर्फ इतना होगा कि वाराणसी में तैयार होने वाला ये रिवर फ्रंट आध्यात्मिक आधार पर बनाया जाएगा. गढ़वा घाट वाराणसी में हाईवे के पास गंगा किनारे स्थित है. ऐसे में इसे पुनर्विकसित कर पर्यटन का केंद्र बनाने की तैयारी है. इस रिवर फ्रंट के बन जाने के बाद काशी के पर्यटन में काफी वृद्धि देखने को मिलेगी. पर्यटन विभाग के मुताबिक रिवर फ्रंट की लागत करीब 9 करोड़ रुपये आने वाली है. इस लागत में घाट का सौंदर्यीकरण करने के साथ ही वहां पर मूलभूत सुविधाओं को भी उपलब्ध कराया जाएगा.

पर्यटन के लिहाज से विकसित हो रही है काशी :वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के बनने के बाद से यहां का पर्यटन कारोबार बूम कर गया है. कॉरिडोर के बनने के बाद सिर्फ पर्यटकों का आना ही नहीं बढ़ा, बल्कि यहां पर आस-पास में चलने वाले कारोबार में भी काफी वृद्धि हुई है. छोटे और बड़े सभी कारोबारियों को काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर बनने के बाद फायदा पहुंचा है. ऐसे में वाराणसी में पहला रिवर फ्रंट बनने के बाद स्थानीय लोगों और बाहरी पर्यटकों के बड़ी संख्या में पहुंचने की संभावना है. शासन-प्रशासन वाराणसी को पर्यटन के लिहाज से विकसित कर रहा है. इसी कड़ी में रिवर फ्रंट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.

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