दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

पुलवामा हमले की तीसरी बरसी पर हिरासत में लिए गए दो पूर्व मुख्यमंत्री - Spokesperson Imran Nabi Dar

पुलवामा आतंकी हमले (pulwama terrorist attack) की तीसरी बरसी पर जम्मू कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुरक्षा कारणों की वजह से हिरासत में (Two former chief ministers detained) लिया गया है. इनमें नेशनल कांफ्रेस के अध्यक्ष डॉ फारुख अब्दुल्ला व पीडीपी की मुखिया व पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती शामिल हैं.

file photo
फाइल फोटो

By

Published : Feb 14, 2022, 10:45 PM IST

जम्मू : नेशनल कांफ्रेंस (national conference) ने पुलवामा आत्मघाती हमले की तीसरी बरसी पर सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए घर के अंदर पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद अध्यक्ष और सांसद डॉ फारूक अब्दुल्ला की अवैध हिरासत (Dr Farooq Abdullah illegal detention) की निंदा की है. नेशनल कांफ्रेंस के प्रवक्ता इमरान नबी डार (Spokesperson Imran Nabi Dar) ने एक बयान में कहा कि जेकेएनसी श्रीनगर के सांसद और पार्टी अध्यक्ष डॉ फारूक अब्दुल्ला की अवैध हिरासत की कड़ी निंदा करता है. पार्टी नेतृत्व की इस तरह की मनमानी, अवैध और लगातार नजरबंदी का कोई औचित्य नहीं है.

सूत्रों ने कहा कि नेकां अध्यक्ष और तत्कालीन राज्य जम्मू-कश्मीर के तीन बार के मुख्यमंत्री को हिरासत में लिया गया और उनके घर से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई. जम्मू और कश्मीर पुलिस और प्रशासन ने डॉ अब्दुल्ला को हिरासत में लेने का कोई कारण नहीं बताया. हालांकि रिपोर्टों में कहा गया है कि उन्हें पुलवामा आतंकी हमले की बरसी पर सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर श्रीनगर में निवास छोड़ने से रोका गया.

यह भी पढ़ें- Pulwama Attack: पुलवामा हमले के तीन साल पूरे, भारत ने 12 दिनों के भीतर ले लिया था 40 जवानों की शहादत का बदला

सूत्रों ने कहा कि पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भी हिरासत में लिया गया और उन्हें उनके आवास से बाहर नहीं निकलने दिया गया. पीडीपी प्रवक्ता नजमु साकिब ने ईटीवी भारत को बताया कि पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को उनके आवास पर हिरासत में लिया गया है. पुलवामा आत्मघाती हमले की तीसरी बरसी आज लेथपोरा में सीआरपीएफ द्वारा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों की याद में आयोजित की गई.

14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमला

14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीए के काफिले पर आतंकवादियों ने हमला किया था. इस आत्मघाती हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 40 जवान शहीद हो गये थे. इस हमले की निंदा समस्त भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया ने की थी. इसके 12 दिन बाद ही भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक करके इस आतंकी हमले का बदला लिया था.

ABOUT THE AUTHOR

...view details