नई दिल्ली :हाल के दो अध्ययनों में पता चला है कि ओमीक्रोन संक्रमण ने टीकाकरण वाले रोगियों में बूस्टर शॉट की तुलना में बेहतर इम्यून रेस्पांस दिया. COVID-19 वैक्सीन निर्माता BioNTech SE और वाशिंगटन विश्वविद्यालय की टीमों ने हाल के सप्ताहों में प्रीप्रिंट सर्वर बायोरेक्सिव पर परिणाम पोस्ट किए. उनके शोधों के रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि टीका लगाए लाखों लोग जिन्हें ओमीक्रोन का संक्रमण हुआ था. वे शायद जल्द ही किसी अन्य प्रकार से गंभीर रूप से बीमार नहीं होंगे. हालांकि अभी शोध में मिले परिणामों की बडे़ पैमाने पर पुष्टि होनी बाकी है.
पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में इम्यूनोलॉजी संस्थान के प्रोफेसर और निदेशक जॉन वेरी ने कहा, "हमें अनिवार्य रूप से वैक्सीन की एक और खुराक के बराबर संक्रमण से बचाव के बारे में सोचना चाहिए. जो शोध में शामिल नहीं थे, लेकिन बायोएनटेक अध्ययन ने इसकी समीक्षा की. इसका मतलब यह है कि अगर किसी को हाल ही में कोविड हुआ था, तो वे एक और बूस्टर शॉट लेने से पहले इंतजार कर सकते थे. वाशिंगटन विश्वविद्यालय के एक प्रमुख वैज्ञानिक एलेक्जेंड्रा वॉल्स ने लोगों को आगाह किया कि वे परिणामों के जवाब में संक्रमण की तलाश न करें.
आंकड़े आ रहे हैं क्योंकि ओमीक्रॉन का संक्रमण दुनिया भर में जारी है, विशेष रूप से चीन में जहां शंघाई में छह सप्ताह का लॉकडाउन लगा था. एक शोधकर्ता ने कहा कि नए वेरिएंट की लहरें अधिक तेज है क्योंकि ओमीक्रोन काफी संक्रामक है. जैसे ही लोग कोविड प्रोटोकॉल की अनदेखी करते हैं तो इसको म्यूटेट करने का अवसर मिलता है. हालांकि रेगुलेटर इस बात का भी अध्ययन कर रहे हैं कि क्या ओमीक्रोन को नियंत्रित करने के लिए कोविड टीकों को अपग्रेड किया जाना चाहिए.
बायोएनटेक की टीम ने तर्क दिया कि आंकड़े बताते हैं कि लोगों को एक ओमीक्रोन-अनुकूलित बूस्टर शॉट मूल टीकों के साथ अधिक फायदेमंद हो सकती है. विर बायोटेक्नोलॉजी इंक के साथ किए गए शोध में उन लोगों के ब्लड सैंपलों को देखा जो संक्रमित थे. जिसको चार भाग में बांटा था. पहला- टीके की दो या तीन खुराकें लगी थीं. दूसरा- दो या तीन खुराक के बाद डेल्टा और ओमीक्रोन का संक्रमण हुआ था. तीसरा- जिन्हें टीका लगा था परंतु कभी कोविड का संक्रमण नहीं हुआ था. चौथा- ओमीक्रोन से संक्रमित था परंतु कभी टीका नहीं लगाया था.
नाक की सुरक्षा :अध्ययन का एक हिस्सा एंटीबॉडी पर आधारित था. सुरक्षात्मक प्रोटीन अटैक को पहचानने और बेअसर करने के लिए तैयार किए थे. इसमें पाया कि जिन्हें टीका लगाने के बाद ओमीक्रोन का संक्रमण हुआ था. उनमें मिले एंटीबॉडी अन्य सैंपलों से बेहतर थे. वे बहुत अलग डेल्टा संस्करण को पहचानने और उस पर हमला करने में भी सक्षम थे.