चंडीगढ़/बेंगलुरु/तिरुवनंतपुरम : केरल, आंध्र प्रदेश और चंडीगढ़ में रविवार को कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के एक-एक मामले की पुष्टि हुई है. तीनों जगहों पर वायरस के इस नए स्वरूप का पहला मामला सामने आया है. इसके अलावा, महाराष्ट्र और कर्नाटक में ओमीक्रोन का एक-एक और मरीज मिलने के बाद देश में ऐसे मामलों की संख्या बढ़कर 38 हो गई है.
रविवार को दर्ज किए गए सभी मामलों में मरीजों ने विदेश यात्रा की थी.
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने रविवार को कहा कि राज्य में कोविड-19 के नए स्वरूप ओमीक्रोन के पहले मामले की पुष्टि हुई है.
मंत्री ने फेसबुक पेज पर साझा किए गए एक वीडियो में कहा कि मरीज केरल का निवासी है, जो हाल में ब्रिटेन से लौटा है. उन्होंने बताया कि मरीज की हालत स्थिर है और घबराने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि सरकार संक्रमण के नए स्वरूप को फैलने से रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है.
बाद में मंत्री ने एक बयान में कहा कि मरीज की पत्नी और उसकी सास भी संक्रमित पायी गई हैं, जिनका उपचार जारी है. उन्होंने कहा कि तीनों मरीजों की हालत स्थिर है.
बयान के मुताबिक, एर्नाकुलम निवासी मरीज छह दिसंबर को अबु धाबी होते हुए अपनी पत्नी के साथ कोच्चि पहुंचा था. शुरुआत में दोनों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आयी थी जबकि अगले दिन से लक्षण दिखने के बाद जब दोबारा जांच की गई तो संक्रमण की पुष्टि हुई. बयान के मुताबिक, बाद में नमूने जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे गए, जिनमें व्यक्ति के वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप से संक्रमित होने की पुष्टि हुई.
वहीं, विदेश से अपने रिश्तेदारों से मिलने चंडीगढ़ पहुंचे 20 वर्षीय एक युवक के कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. चंडीगढ़ के स्वास्थ्य सेवा निदेशक डॉक्टर सुमन सिंह ने बताया, वह इटली में रह रहा था. हाल में वह अपने रिश्तेदारों से मिलने यहां आया था. जीनोम अनुक्रमण की उसकी रिपोर्ट 11 दिसंबर को देर रात मिली और इसमें ओमीक्रोन स्वरूप से संक्रमित होने की पुष्टि हुई.
युवक ने टीके की खुराक ले रखी है और वह फिलहाल सांस्थानिक पृथकवास में है. एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि व्यक्ति 22 नवंबर को भारत आया था. वह चंडीगढ़ में अपने रिश्तेदारों से मिलने आया था और पृथकवास में था तथा एक दिसंबर को दोबारा जांच में संक्रमित पाया गया.
बयान में बताया गया कि इसके बाद उसे सांस्थानिक पृथकवास में भेज दिया गया और उसके नमूने को जीनोम अनुक्रमण के लिए नई दिल्ली भेजा गया. उच्च जोखिम का सामना कर रहे उसके परिवार के सात सदस्यों को भी पृथकवास में भेजा गया है. उनमें से किसी में भी संक्रमण की पुष्ट नहीं हुई. ऐसा बताया गया कि व्यक्ति में संक्रमण के लक्षण नहीं थे.