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पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध नहीं बना पा रहे : उमर अब्दुल्ला - फारुख ने भी साधा निशाना

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध नहीं बना पा रहे हैं (Omar Abdullah on Tawang faceoff ). वहीं, दिल्ली में फारुख अब्दुला ने भी पड़ोसियों से अच्छे संबंधों को लेकर बयान दिया.

Omar Abdullah on Tawang faceoff
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला

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Published : Dec 13, 2022, 8:26 PM IST

Updated : Dec 13, 2022, 8:34 PM IST

श्रीनगर/ नई दिल्ली :जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध नहीं बना पा रहे हैं. पाकिस्तान के साथ हमारे संबंधों के बारे में सभी जानते हैं लेकिन चीन के साथ भी हम अच्छे संबंध स्थापित नहीं कर पा रहे हैं (Omar Abdullah on Tawang faceoff).

फारुख ने भी साधा निशाना :वहीं, दिल्ली में एक कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और एनसी के फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि 'जब तक हमारे पाकिस्तान के साथ बेहतर संबंध नहीं होंगे तब तक हम भारत में कभी भी शांति नहीं देख पाएंगे...हम मुसलमानों को आगे बढ़ते हुए नहीं देख पाएंगे क्योंकि मुसलमानों को देशद्रोही माना जाता है. हम देशद्रोही नहीं हैं, हम भारतीय हैं, किसी और की तरह अच्छे हैं.'

'नेकां की सरकार बनने पर पीएसए निरस्त करेंगे' :पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) अगर जम्मू कश्मीर में सत्ता में आती है तो वह पहले ही दिन विवादास्पद जन सुरक्षा कानून (पीएसए) निरस्त कर देगी. नेकां संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की अगुवाई वाली सरकार ने 1978 में लकड़ी की तस्करी रोकने के लिए जन सुरक्षा कानून लागू किया था. बिना मुकदमा चलाए दो साल तक हिरासत में रखने के प्रावधान वाले इस कानून का इस्तेमाल 1990 के बाद आतंकवादियों और अलगाववादियों के खिलाफ किया गया.

उमर ने अनंतनाग जिले के डूरू में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, 'उन्होंने (केंद्र ने) केवल वही (पुराने) कानून को यहां बनाये रखा, जिसका इस्तेमाल लोगों के उत्पीड़न में किया जा सकता हो. देश में कहीं भी जन सुरक्षा कानून नहीं है...केवल जम्मू कश्मीर में यह कानून है. मैंने पहले भी कहा है और दोबारा कह रहा हूं जब नेशनल कांफ्रेंस की सरकार आएगी तो पहले ही दिन इस कानून को निरस्त कर दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करना जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में एक मुद्दा होगा. उन्होंने कहा, 'यह जाहिर है कि यह चुनाव महज बिजली, सड़क, पानी के मुद्दे पर नहीं लड़ा जाएगा. पांच अगस्त 2019 के बाद से जो कुछ भी हुआ है, वह चुनावों में एक मुद्दा होगा. देखते हैं कि लोगों का फैसला क्या होता है.'

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार जम्मू कश्मीर के लोगों की पहचान और हितों की रक्षा के लिए सभी कदम उठाएगी. उन्होंने केंद्र पर जम्मू कश्मीर में बाहरी लोगों को लाकर स्थानीय लोगों के संसाधन तथा नौकरियां छीनने का आरोप लगाया.

उमर ने दावा किया, 'खनिजों के खनन के ठेके बाहरी लोगों को दिए गए...यहां तक कि पत्र पहुंचाने वाले डाकिये भी दूसरे स्थानों से लाये जाएंगे. हमारे युवाओं को इन नौकरियों के योग्य नहीं समझा जाता है.'

उन्होंने कहा, 'मुझे इन चीजों पर कोई आपत्ति नहीं होगी, लेकिन उन्हें हमारे युवाओं को ले जाना चाहिए और उन्हें हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश तथा अन्य राज्यों में नौकरियां देनी चाहिए. उन्हें हमारे ठेकेदारों को पंजाब में खनन करने की अनुमति देनी चाहिए, लेकिन वे ऐसा नहीं करेंगे.' नेकां नेता ने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि जम्मू कश्मीर की जमीन और संसाधन केवल स्थानीय लोगों के लिए सुरक्षित रहे.

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(भाषा इनपुट के साथ)

Last Updated : Dec 13, 2022, 8:34 PM IST

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