जम्मू :दोहा में भारतीय राजदूत ने तालिबान नेता से मुलाकात की. इस पर नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष ने कहा कि तालिबान एक आतंकवादी संगठन है या नहीं. कृपया भारत सरकार हमें स्पष्ट करे कि तालिबान को कैसे देखते हैं.
पहले औपचारिक और सार्वजनिक रूप से स्वीकृत संपर्क में कतर में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल ने मंगलवार को तालिबान के वरिष्ठ नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई से मुलाकात की थी. उन्होंने भारत की उन चिंताओं को उठाया था कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी तरह से भारत विरोधी गतिविधियों और आतंकवाद के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या भारत को तालिबान के साथ बात करनी चाहिए और उसे एक मौका देना चाहिए. अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या तालिबान एक आतंकवादी संगठन है या नहीं.
उन्होंने कहा कि अगर वे एक आतंकवादी संगठन हैं, तो आप उनसे बात क्यों कर रहे हैं? अगर वे आतंकवादी संगठन नहीं हैं, तो आप उनके बैंक खातों पर प्रतिबंध क्यों लगा रहे हैं. आप उनकी सरकार को मान्यता क्यों नहीं दे रहे हैं? पहले अपना रुख तय कर लें. अब्दुल्ला ने कहा कि क्या तालिबान एक आतंकवादी संगठन है और यदि ऐसा नहीं है तो क्या आप इसे आतंकवादी संगठन के रूप में सूची से हटाने के लिए संयुक्त राष्ट्र जाएंगे.