लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से बुधवार को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के अध्यक्ष व संकल्प भागीदारी मोर्चा के संयोजक ओमप्रकाश राजभर ने मुलाकात की है. सूत्रों के अनुसार दोनों दलों के बीच यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर गठबंधन पर शुरुआती बातचीत हुई है. समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में ओमप्रकाश राजभर के संकल्प भागीदारी मोर्चे के साथ जुड़े अन्य दलों को जोड़ने और गठबंधन को लेकर बातचीत हुई है. हालांकि औपचारिक रूप से अभी संकल्प भागीदारी मोर्चे के कौन कौन से दल सपा के साथ गठबंधन करेंगे, इस पर सहमति नहीं बन पाई है. अखिलेश यादव से मुलाकात के दौरान ओमप्रकाश राजभर के साथ उनके बेटे अरविंद राजभर भी उपस्थित रहे.
वहीं दूसरी तरफ देखा जाए तो राजभर को कमल भाने लगा है, क्योंकि ओवैसी की यारी से उन्हें यहां कुछ खास हासिल होता नहीं दिखा. सो उन्होंने भागीदारी संकल्प लेने से पहले ही अपने यात्रा का मार्ग बदलने की कोशिश में मजबूत दांव खेल दिया है. लेकिन ओवैसी भी राजभर की संभावित सियासी बेवफाई का रोना रोने के बजाय अब राम नगरी में दलित नेता चंद्रशेखर आजाद से यारी कर ली है. इतना ही नहीं उन्होंने तो सूबे की सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट होकर भाजपा का सामना करने की सलाह भी दी है.
नफा-नुकसान देख बना रहे आगे की रणनीति
दरअसल, एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी सूबे में सभी छोटी पार्टियों को एकजुट कर एक मोर्चा बनाना चाहते हैं, जिसमें ओमप्रकाश राजभर और शिवपाल यादव की सक्रियता देखते बन रही थी, पर अब राजभर भाजपा के साथ ही सपा पर डोरे डाल रहे हैं और शिवपाल कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम के संपर्क में हैं. ऐसे में इस मोर्चा की नींव पड़ने से पहले ही तथाकथित कर्णधार अपने नफा-नुकसान को देखते हुए आगे की रणनीतियां बना रहे हैं. यानी कुल मिलाकर कहें तो इस संभावित मोर्चे के भविष्य पर अमावस्या का ग्रहण दोष दिख रहा है. इधर, इन बदले सूरत-ए-हाल के बीच अकेले पड़े ओवैसी को अब यूपी में चंद्रशेखर का साथ मिल गया है.
ओवैसी सूबे में गैर भाजपा, गैर कांग्रेस दलों के साथ गठबंधन कर जमीनी स्तर पर सियासी समीकरण बदलने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन ओमप्रकाश राजभर और शिवपाल यादव का रुख अस्पष्ट होने के कारण फिलहाल मोर्चा का अस्तित्व अनसुलझे पथ पर है. वहीं, अबकी यूपी विधानसभा चुनाव भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस और दूसरे छोटे दलों के लिए भी कई मायनों में अहम है. चुनाव से पहले की अगर बात करें तो भाजपा के खिलाफ समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस अलग-अलग लड़ती नजर आ रही हैं.
अखिलेश से मुलाकात कई मायनों में महत्वपूर्ण
बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव में राजभर तमाम दलों के साथ गठबंधन को लेकर अलग-अलग मेल मुलाकात कर रहे हैं. राजभर की अखिलेश यादव के साथ मुलाकात कई मायनों में महत्वपूर्ण है. क्योंकि पिछले दिनों ओमप्रकाश राजभर ने अपनी शर्तों के आधार पर भाजपा से गठबंधन करने की बात कही थी. लेकिन अखिलेश यादव से मुलाकात कर वह भाजपा को दबाव में लेने की कोशिश कर रहे हैं.
अखिलेश से मुलाकात के बाद ओमप्रकाश राजभर ने ट्वीट किया है 'अबकी बार, भाजपा साफ़! समाजवादी पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी मिलकर आए साथ. दलितों, पिछड़ों अल्पसंख्यकों के साथ सभी वर्गों को धोखा देने वाली भाजपा सरकार के दिन हैं बचे चार. पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा के सुप्रीमो अखिलेश यादव से शिष्टाचार मुलाकात की है.
ओवैसी और चंद्रशेखर में गठबंधन!
उल्लेखनीय है कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने पिछले महीने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और शिवपाल सिंह यादव के साथ ही मुलाकात की थी और उन्हें अपने संकल्प भागीदारी मोर्चे के साथ जोड़ने को लेकर बातचीत की थी. राजभर के साथ एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने भी मुलाकात की थी. वहीं, अभी कुछ दिनों पहले ओमप्रकाश राजभर ने भाजपा के साथ गठबंधन में जाने को लेकर अपनी शर्ते रखी थी. हालांकि बीजेपी की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है. लेकिन अखिलेश यादव के साथ मुलाकात काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.