केदारधाम में विधिवत 'ॐ' आकृति स्थापित. रुद्रप्रयाग: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत केदारनाथ धाम में ओम मूर्ति स्थापित हो गई है. विधिवत स्थापित करने से पहले इस ओम चिन्ह की विधि-विधान से पूजा अर्चना की गई. फिर क्रेन मशीन के जरिए इस छह टन के कांसे से बने चिन्ह को स्थापित किया गया. अब देश-विदेश से केदारनाथ पहुंचने वाले भक्त भगवान शिव के अति प्रिय इस ॐ (ओम) चिन्ह के दर्शन कर पूजा-अर्चना भी कर सकते हैं.
6 टन वजनी है चिन्ह:एक ओर जहां भगवान केदारनाथ धाम की यात्रा चल रही है वहीं दूसरी ओर धाम में पुनर्निर्माण कार्य भी जारी हैं. इन्ही पुनर्निर्माण कार्यों के तहत धाम में ओम चिन्ह की प्रतिमा स्थापित की गई है. यह ओम केदारनाथ मंदिर से लगभग 200 मीटर आगे गोल चबूतरे में लगाया गया है. वडोदरा गुजरात के एक डिजाइनर की ओर से डिजाइन किए गये इस ओम चिन्ह में मात्र लाइटिंग होने का कार्य शेष रह गया है. लाइटिंग होने के बाद यह रात के समय में जगमगाएगा. इस ओम चिन्ह का वजन छह टन है और यह पूरी तरह से कांसे से बना हुआ है.
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चिन्ह की पूजा कर सकते हैं श्रद्धालु:वहीं, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि केदारनाथ धाम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत कार्य चल रहे हैं, जिसमें यह ओम की प्रतिमा भी शामिल है. उन्होंने कहा कि गोल चबूतरे में ओम की प्रतिमा स्थापित कर दी गई है. धाम आने वाले श्रद्धालु ओम प्रतिमा के दर्शन के साथ पूजा अर्चना भी कर रहे हैं.
केदारनाथ में ओम का महत्त्व :केदारनाथ में ओम स्थापित करने के कई महत्व हैं. प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य प्रतीक अमरीश पुरी बताते हैं कि केदारनाथ में ओम आकृति का होना एक विशेष संयोग बनाता है. ओम के स्थापित होने बाद श्रद्धालु आस-पास बैठकर भजन भी कर सकेंगे. इसके लिए ओम स्थापित स्थान के पास ही फुटपाथ भी बनाया गया है. ओम का जाप करने से तमाम तरीके के शरीर के अवगुण और बीमारी खत्म होती है. विशालकाय ओम से केदारनाथ की भव्यता और भी भव्य नजर आएगी.