तो उत्तराखंड में अमित शाह को किया गया गुमराह! देहरादून: उत्तराखंड में केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने जिन 670 समितियों के पूर्ण कंप्यूटराइजेशन का शुभारंभ किया, उनमें कई समितियां आज भी कंप्यूटराइजेशन और ऑनलाइन होने का इंतजार कर रही हैं. हैरानी की बात यह है कि मंच से 30 मार्च 2023 को ही बहुउद्देश्य प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के पूर्ण कंप्यूटराइजेशन का शुभारंभ अमित शाह से करवा दिया गया. जबकि आज भी ये काम करीब 6 माह बाद अधूरा पड़ा है.
आधे अधूरे काम का करा दिया उद्घाटन: सहकारिता के क्षेत्र में उत्तराखंड की सभी 670 बहुउद्देश्य प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकृत होना बड़ी उपलब्धि माना गया. खुद केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भी उत्तराखंड पहुंचकर सरकार और विभाग की खूब पीठ थपथपाई. लेकिन हैरानी की बात यह है कि राज्य में अब तक न तो सभी समितियां कंप्यूटरीकृत हो पाई हैं और न ही इन्हें ऑनलाइन किया जा सका है.
पढ़ें-सहकारी समितियों में कंप्यूटराइजेशन अभियान में करोड़ों के घोटाले आरोप, UPP ने की जांच की मांग
30 मार्च 2023 को अमित शाह ने किया शुभारंभ: यह स्थिति तब है जब केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह से सहकारिता विभाग 30 मार्च 2023 को यानी करीब 6 महीने पहले ही कंप्यूटराइजेशन का काम पूरा होने के नाम पर शुभारंभ करवा चुका है. इस दौरान तेलंगाना और उत्तराखंड को इस क्षेत्र में अग्रणी राज्य बताया गया और अमित शाह ने तो उत्तराखंड में पहुंचकर राज्य सहकारिता विभाग की खूब पीठ थपथपाई थी.
समितियों को अब भी नहीं किया जा सका ऑनलाइन राजधानी देहरादून में भी पूरा नहीं हुआ टारगेंट. 670 पैक्स के कंप्यूटराइजेशन करने का किया था दावा: शुभारंभ के मौके पर अमित शाह देहरादून पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने जब मंच का रुख किया तो सहकारिता विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सभी 670 पैक्स के कंप्यूटराइजेशन का काम पूरा होने का दावा किया गया. यही नहीं शुभारंभ के बाद कहा गया कि सभी 670 पैक्स में काम करने वाले कर्मचारी ऑनलाइन कार्यक्रम से भी जुड़ गए हैं.
केंद्रीय मंत्री को किया गुमराह: चौंकाने वाली बात यह है कि मंच पर हुई इन तमाम बातों के बीच करीब 6 महीने बाद अब अधिकारी यह जानकारी दे रहे हैं कि राज्य में अभी सभी समितियां ऑनलाइन हो ही नहीं पाई हैं. खुद सहकारिता सचिव डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम कहते हैं कि अमित शाह ने जिन समितियां के कंप्यूटराइजेशन का काम पूरा होने का शुभारंभ किया था, उन 670 समितियां में से केवल 470 समितियां ही ऑनलाइन हो पाई हैं, जबकि 200 समितियां अब भी डिजिटल रूप में नहीं जुड़ पाई हैं.
पढ़ें-अनिल बलूनी के सपने पर विभागों की कुंभकर्णी नींद! 4 महीने बाद भी माउंटेन म्यूजियम और प्लेनेटोरियम के लिए नहीं ढूंढ पाए जमीन
राजधानी में 50 प्रतिशत काम पेंडिंग: उत्तराखंड में यह स्थिति साफ बताती है कि कैसे सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के सामने ही गलत जानकारियां पेश कर दीं. अभी 2 दिन पहले ही देहरादून की जिलाधिकारी ने भी एक बैठक के दौरान जब देहरादून जिले में मौजूद समितियां को लेकर जानकारी मांगी, तो पता चला की राजधानी देहरादून में मौजूद 39 समितियों में से केवल 18 समितियां ही कंप्यूटराइज्ड हो पाई हैं. यानी सहकारिता विभाग राजधानी देहरादून में ही अपने लक्ष्य के 50% तक भी नहीं पहुंच पाया है.
670 समितियों के कंप्यूटराइज्ड करने का था दावा: इन हालात के बीच अमित शाह से सभी 670 समितियों के कंप्यूटराइजेशन के काम को पूरा करने का शुभारंभ कैसे करवा दिया गया, यह एक बड़ा सवाल बन गया है. खास बात यह भी है कि इस कार्यक्रम में देश के सहकारिता मंत्री अमित शाह के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत भी मौजूद थे और उनके सामने ही विभाग ने डॉक्यूमेंट्री प्रस्तुत की थी. साथ ही मंच से जानकारी दी गई थी कि 2021 में कंप्यूटराइजेशन को लेकर योजना का शुभारंभ अमित शाह की तरफ से किया गया था और 15 महीने के अंदर राज्य ने अपना लक्ष्य पूरा करते हुए 670 समितियों को कंप्यूटराइज्ड कर दिया है.