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गृह मंत्रालय से अफसरों के पास आया आदेश, अब जब्त होंगी शत्रु संपत्तियां - कानपुर में शत्रु संपत्ति जब्त

कानपुर में शत्रु संपत्तियां जब्त करने का गृह मंत्रालय से अफसरों के पास आदेश आ गया है. संयुक्त पुलिस आयुक्त ने कहा कि कार्रवाई तय समय से पूरी करा देंगे.

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Published : Mar 26, 2023, 1:15 PM IST

कानपुर में जब्त होंगी शत्रु संपत्तियां

कानपुर: शहर में पिछले कई माह से लगातार अभी तक सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके करीबियों की संपत्तियों को सीज व जब्त करने की कार्रवाई जिला प्रशासन के अफसरों द्वारा की जा रही थी. हालांकि, अब उक्त कवायद के साथ ही शहर में चिह्नित सभी शत्रु संपत्तियों को जब्त किया जाएगा. इस मामले पर जिला प्रशासन के पास गृह मंत्रालय का पत्र आ गया, जिसे प्राप्त करते ही अब अफसर फील्ड पर उतर आए हैं. जिला प्रशासन के सामने फिलहाल अभी पांच शत्रु संपत्तियों को जब्त करने की चुनौती है. इसमें से गुरुवार को बेकनगंज स्थित रामजानकी मंदिर परिसर में बने बाबा स्वीट्स की संपत्ति को जब्त कर लिया गया था. जल्द ही अन्य संपत्तियों पर भी जब्तीकरण की कार्रवाई होगी. गृह मंत्रालय से जो पत्र जारी हुआ है, उसके मुताबिक अब शत्रु संपत्तियों की ई-नीलामी कराने की भी तैयारी है.

जिला प्रशासन के अफसरों ने बताया कि शत्रु संपत्तियों को लेकर 50 से अधिक शिकायतें आ चुकी हैं. सभी शिकायतों का समाधान करने के लिए अफसरों ने संपत्तियों को चिह्नित कर स्थलीय निरीक्षण किया है. निरीक्षण के आधार पर जो रिपोर्ट तैयार हुई है, उसमें अफसर अपने स्तर से विधिक राय ले रहे हैं. पूरी प्रक्रिया के बाद अफसर अपनी रिपोर्ट कस्टोडियन एनमी प्रापर्टी ऑफ इंडिया (सीईपीआई) को सौंपेंगे. लेकिन, वह संपत्तियां सीईपीआई द्वारा शत्रु संपत्ति घोषित की जाती हैं तो उन पर अफसर कब्जा लेंगे.

शहर में यह संपत्तियां शत्रु संपत्तियां घोषित

88-21 दारुल मौला (पूर्ण भाग, नाला रोड, चमनगंज), 88-21 ए दारुल गौला (पूर्ण भाग, नाला रोड, चमनगंज), 88-21 बी दारुल भौला (पूर्ण भाग, नाला रोड, चमनगंज), 88-21 सी दारुल गौला (पूर्ण भाग, नाला रोड, चमनगंज) और भवन संख्या 99-14 ए रामजानकी मंदिर (पूर्ण भाग) डॉ. बेरी चौहारा, बेकनगंज.

जानिए क्या हैं इनके नियम

जिला प्रशासन के अफसरों के मुताबिक, यदि शत्रु संपत्ति का व्यावसायिक उपयोग हो रहा है तो जिला प्रशासन परिसर को सील कर उसे अपने कब्जे में ले लेगा. रिहायशी परिसर में यदि लोग रह रहे हैं तो उनके द्वारा प्रयोग किए जा रहे भू-भाग के अनुसार, सर्किल रेट के हिसाब से किराया तय होगा, जिसे तहसील में जमा कराया जाएगा. रिहायशी संपत्तियों पर शत्रु संपत्ति अभिरक्षक बाद में फैसला करेंगे.

सीईपीआई की रिपोर्ट के बाद होता है फैसला

जिला प्रशासन के अफसरों ने बताया कि शत्रु संपत्ति को चिह्नित करने से लेकर उस संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित करने का अधिकार कस्टोडियन एनमी प्रापर्टी ऑफ इंडिया (सीईपीआई) के पास होता है. जैसे ही सीईपीआई की ओर से जिला प्रशासन के पास सूची आती है, जिला प्रशासन के अफसर उस संपत्ति को अपने कब्जे में लेने का काम करते हैं. शहर में जो उक्त संपत्तियां हैं, इन्हें सीईपीआई की ओर से शत्रु संपत्तियां घोषित किया जा चुका है.

संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा कि शहर में जो संपत्तियां शत्रु संपत्ति घोषित हैं, उन्हें लेकर गृह मंत्रालय का पत्र आ गया है. जल्द ही इन संपत्तियों को कब्जामुक्त कराएंगे.

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