इंदौर : मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (Madhya Pradesh high court) की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर ने हनी ट्रैप कांड (honey trap scandal) की तीन महिला आरोपियों की जमानत याचिकाएं मंजूर करते हुए अपने आदेश में यह टिप्पणी की है. ये आरोपी पिछले 22 महीनों से न्यायिक हिरासत के तहत स्थानीय जेल में बंद हैं.
अदालत ने इनकी जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के बाद एक जुलाई को आदेश सुरक्षित रख लिया था जिसकी प्रति आरोपियों के वकीलों को मंगलवार (छह जुलाई) को प्राप्त हुई. इसमें एकल पीठ ने मामले के गुण-दोषों पर टिप्पणी किए बगैर तीनों महिला आरोपियों को 50,000-50,000 रुपये की जमानत और इतनी ही रकम के मुचलके पर जेल से रिहा किए जाने को कहा है.
बहरहाल, अदालत ने हनी ट्रैप कांड में इंदौर के पलासिया पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने वाले अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह (61) के बारे में कहा कि इस अदालत का सुविचारित मत है कि शिकायतकर्ता हरभजन सिंह (Complainant Harbhajan Singh) ने अपने पद के विशेषाधिकारों का बेशर्मी से दुरुपयोग किया और उन्होंने खुद को अनैतिक व्यक्तियों का आसान निशाना बनने दिया.