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Maa Kushmanda Navratri : इन वस्तुओं को जरूर शामिल करें, नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा में - mata kushmanda

Maa Kushmanda : मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा का विधान है. माता कुष्मांडा ने ही इस सृष्टि की रचना की थी. Kushmanda Devi की सवारी सिंह हैं. Navratri 2023 . Kushmanda Mata .

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 18, 2023, 8:37 AM IST

Updated : Oct 18, 2023, 9:22 AM IST

नवरात्रि मां कुष्मांडा : इस समय संपूर्ण विश्व में नवरात्रि का पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है. जैसा कि हम सब जानते हैं नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है. शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन माता कुष्मांडा की पूजा का विधान है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां कुष्मांडा ने ही इस सृष्टि की रचना की थी. उनका रूप अत्यंत सौम्य व शांत, सौम्य व आकर्षक है.

Maa Kushmanda सृष्टि की शक्ति का मूल स्रोत हैं एवं सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाली हैं.सबसे रोचक बात ये है कि मां को कुष्मांड या कद्दू अथवा कुम्हड़ा बहुत ही प्रिय है इस कारण उन्हें कुष्मांडा देवी के नाम से पुकारा जाता है. Kushmanda Mata सिंह पर सवारी करती हैं अर्थात उनका वाहन सिंह है. प्रचलित मान्यताओं के अनुसार जब सृष्टि में कुछ नहीं था एवं चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा था, तब मां कुष्मांडा ने अपनी मंद-मंद मुस्कान से इस सृष्टि की रचना की थी. यदि Kushmanda Devi के स्वरूप की बात करें तो उनका रूप अत्यंत ही तेजस्वी है. कुष्मांडा माता की आठ भुजाएं हैं और माता कुष्मांडा अपने हाथों में धनुष-बाण, कमंडल, कमल का पुष्प, चक्र, गदा और अमृत कलश धारण करती हैं.

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माता कुष्मांडा की पूजा में जरूर शामिल करें...
नवरात्रि के चौथे दिन सुबह स्नान आदि के बाद सांफ-स्वच्छ वस्त्र धारण करें. धूप, गंध,अक्षत,पुष्प आदि से मां की पांचोपचार विधि से पूजा करें. इसके बाद ॐ कुष्मांडा देव्यै नमः मंत्र का 108 बार जाप करते हुए Kushmanda Mata का ध्यान करें. इसके बाद दुर्गा सप्तशती, देवी भागवत, देवी अथर्वशीर्ष, नवाहन परायण का पाठ भी करना चाहिए. मां को कुंद के पुष्प, फल, सूखे मेवे, शहद मिश्रित दूध, रक्त पुष्पों की माला के साथ ही Kushmanda Devi के प्रिय कद्दू या कुम्हड़ा भी अर्पित करें इसके साथ ही Maa Kushmanda को मालपुए बहुत पसंद है इसलिए संभव हो तो मालपुआ का भोग लगाएं. इसके बाद मां की आरती करें एवं Kushmanda Mata से क्षमा प्रार्थना करते हुए पूजा को संपन्न करें एवं प्रसाद ग्रहण करें.

Last Updated : Oct 18, 2023, 9:22 AM IST

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