जी20 सम्मेलन में शामिल होंगी कोरापुट की आदिवासी महिला किसान कोरापुट : ओडिशा के आदिवासियों की जीवनशैली से अब पूरी दुनिया रूबरू होगी. जी20 शिखर सम्मेलन में ओडिशा की आदिवासी महिला कोरापुट की रागी किसान रायमती घिउरिया शामिल होने जा रही हैं. रायमती इस बैठक में विश्व दरबार के समक्ष आदिवासी जीवनशैली और मिलेट मिशन के विषय में बताएंगी. मिलेट मिशन के माध्यम से आदिवासियों को कितना फायदा हुआ, इस बारे में रायमती पूरे विश्व को बताएंगी.
कोरापुट जिले के कुंदुरा ब्लॉक की रागी किसान रायमती घिउरिया दिल्ली में आयोजित होने वाले जी20 अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रवाना हो गई हैं. सम्मेलन में कोरापुट जिले में फसल होने वाले विभिन्न रागी और अन्य मिलेट शष्यों के बारे में रायमती अपना वक्तव्य देंगी. नुआगुड़ा गांव निवासी रायमती अपनी तरह की अन्य महिला किसानों के लिए एक आदर्श बन गई हैं. रायमती एक महिला किसान के साथ-साथ एक प्रशिक्षक के रूप में भी जानी जाती हैं. जैविक कृषि को महत्व देते हुए वो चावल और मिलेट की खेती करती आई हैं.
इतना ही नहीं, अन्य किसान परिवारों को भी स्थानीय जैनेटिक संसाधनों के संरक्षण के बारे में भी बताती हैं. उन्होंने चावल की 72 पारंपरिक बीज किस्मों और बाजरा की 30 किस्मों को संरक्षित किया है. वह अपने गांव में स्थापित एक एफपीओ (बामनदाई फार्मर्स प्रोड्यूसर्स कंपनी लिमिटेड) की प्रमुख हैं जो जैव-उर्वरक और जैव-कीटनाशकों की तैयारी और बिक्री, खरीद, बाजरा विपणन और मूल्य उत्पादों से जूड़ा हुआ है.
जी20 सम्मेलन में शामिल होने वाली ओडिशा की रायमती घिउरिया अपने गांव में एक फार्म स्कूल की स्थापना में रायमती की अहम भूमिका है. इस फार्म स्कूल के निमार्ण के लिए उनके परिवार ने जमीन दान की और 2012 से फार्म स्कूल की जिम्मेदार रायमती का परिवार संभाल रहा है. उनके सशक्त नेतृत्व और बहु-कुशल गतिविधियों के कारण उन्हें कई पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित भी किया गया है, 2012 में नई दिल्ली के पीपीवी एंड एफआर अथॉरिटी द्वारा रायमती को जेनोम सेवर कम्युनिटी अवार्ड से पुरस्कृत किया गया था और अब दिल्ली में आज से होने वाले जी20 सम्मेलन में कोरापुट में व्यवहृत होने वाले पारंपरिक ज्ञान कौशल तथा बाटी मिलेट और मामी मिलेट जैसे उन्नत किस्म के पारंपारिक मिलेट शष्यों के बारे में रायमती बताएंगी.
इस दिशा में अग्रणी शोध केंद्र स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन के प्रभारी निदेशक प्रशांत कुमार परिडा ने कहा, वह उस टीम की सदस्य थीं, जिसे पीपीवी एंड एफआर अथॉरिटी, नई दिल्ली द्वारा 2012 में जीनोम सेवर कम्युनिटी अवार्ड मिला था. उन्होंने बताया कि रायमती को स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन द्वारा समर्थित किया गया है, जो जैविक बाजरा खेती और बीज संरक्षण के क्षेत्र में एक अग्रणी अनुसंधान केंद्र है.
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कृषि पदाधिकारी तापस चंद्र राय का मानना है कि इस वर्ष जहां दुनिया बाजरा को महत्व दे रही है, वहीं कोरापुट की रागी को रायमती के माध्यम से विश्व नेताओं के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा. उन्होंने बताया कि कुछ साल पहले पद्मश्री कमला पुजारी ने पारंपरिक चावल संरक्षण के क्षेत्र में असाधारण कार्य कर जोहान्सबर्ग के अंतरराष्ट्रीय मंच पर कोरापुट क्षेत्र में फसल होने वाले सैकड़ों प्रकार के चावल की जानकारी देकर कोरापुट जिले का नाम रोशन किया था.