भुवनेश्वर :ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में बचाव अभियान पूरा हो चुका है. घायल यात्रियों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और कई को छुट्टी भी दे दी गई है. लेकिन ओडिशा सरकार के सामने बड़ी चुनौती शवों की पहचान की है. जहां कुछ शव लावारिस पड़े हैं, वहीं दो अलग-अलग परिवारों ने एक ही शव पर दावा किया है. अधिकारियों ने कहा कि शव बुरी हालत में होने के कारण परिवार के सदस्यों को पहचान करने में कठिनाई हो रही है.
जानकारी के मुताबिक, एम्स भुवनेश्वर के मुर्दाघर में 124 शवों को संरक्षित किया गया है, जबकि अन्य 70 को राजधानी अस्पताल, सम अस्पताल, अमरी अस्पताल, केआईएमएस अस्पताल और भुवनेश्वर के हाई-टेक अस्पताल के मुर्दाघर में रखा गया है. वहीं, आज दिल्ली से एक विशेष टीम ओडिशा आई है, जो इन शवों को कुछ दिन और सुरक्षित रखने की कोशिश करेगी. बहरहाल, शवों की शिनाख्त की प्रक्रिया जारी है. ओडिशा सरकार की ओर से हेल्प डेस्क के माध्यम से सभी सहायता प्रदान की जा रही है.
उन्होंने कहा, हम उन्हें शवों की तस्वीरें दिखा रहे हैं और विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे यात्रियों की सूची भी दिखा रहे हैं. अगर किसी को पता चलता है कि उसका प्रियजन अस्पताल में इलाज करा रहा है, तो हम उसे संबंधित अस्पताल ले जाते हैं. यदि वे किसी की पहचान करते हैं, तो हम उन्हें सभी सहायता प्रदान करते हैं. उन्होंने बताया कि इसके अलावा, पीड़ितों के रिश्तेदारों के रहने की व्यवस्था भी की गई है.
राज्य विकास आयुक्त अनु गर्ग ने कहा कि कुछ समस्याएं हैं जिन पर अभी भी काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा, "शवों की पहचान में समस्या आमतौर पर इतनी बड़ी विनाशकारी त्रासदी में होती है. लेकिन, राज्य प्रशासन रेलवे और भारत सरकार के अधिकारियों के साथ संयुक्त रूप से मुद्दों को हल करने के लिए सभी प्रयास कर रहा है. भारत सरकार की एक विशेष टीम दिल्ली से आई है, जो लाशों को कुछ और दिन संरक्षित रखने की कोशिश करेगी."