पुरी (ओडिशा) :देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों तीर्थयात्री 'स्नाना उत्सव' के लिए पुरी पहुंचे. कोरोना के कारण तकरीबन दो साल से भक्तों को इसमें भाग लेने की अनुमति नहीं थी. परंतु इस साल यानी 2022 में भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) के भक्तों को मंदिर के बाहर और अंदर दोनों तरफ से मंदिर में स्नान मंडप पर सुभद्रा और बलभद्र के दर्शन करने की अनुमति है. इसलिए देश भर से श्रद्धालु देवताओं- भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के औपचारिक स्नान अनुष्ठान 'स्नाना उत्सव' के लिए पहुंचे हैं.
भीड़ को देखते हुए यातायात प्रबंधन और सुरक्षा के लिए प्रशासन द्वारा इलाके में व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है. धार्मिक गीत गाकर और मंत्रों का जाप करते हुए भक्तों ने अधिक उत्साह दिखाया. कुछ उत्साही दर्शकों को भी नाचते हुए देखा गया. इस्कॉन के अनुसार, भगवान जगन्नाथ के प्रकट होने के दिन को मनाने के लिए स्नान उत्सव भगवान जगन्नाथ का एक विशेष स्नान है जो ज्येष्ठ महीने (देवसन पूर्णिमा) की पूर्णिमा पर होता है.
कोरोना के कारण तकरीबन दो साल से भक्तों को इसका सुनहरा अवसर नहीं मिला था. परंतु इस साल यानी 2022 में भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) के भक्तों को मंदिर के बाहर और अंदर दोनों तरफ से मंदिर में स्नान मंडप पर सुभद्रा और बलभद्र के दर्शन करने का अवसर मिलेगा. यह निर्णय पुरी के गजपति महाराजा दिब्यसिंह देब की अध्यक्षता में श्री जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) प्रबंध समिति की बैठक में लिया गया. अब भक्तों को स्नान मंडप पर नजदीक से दर्शन की अनुमति दी जाएगी. बता दें कि स्नान यात्रा (Snan Yatra) को देव स्नान पूर्णिमा (Snan Purnima) भी कहा जाता है जो इस वर्ष 14 जून को पड़ रही है. स्नान यात्रा (Puri Snan Yatra) का लाइव प्रसारण भी होगा. प्रबंध समिति के सदस्य दुर्गा दास महापात्र ने कहा कि भक्त भगवान के हाती बेशा (हाथी अत्रे) के पूरा होने के बाद स्नान बेदी पर तीन घंटे तक देवताओं के दर्शन कर सकते हैं. स्नान अनुष्ठान के दौरान देवताओं पर पवित्र जल के कम से कम 108 घड़े डाले जाएंगे.