रायगड़ा (ओडिशा): रूसी सांसद पावेल एंटोव ओडिशा के एक होटल में मृत पाए गए. उनका शव गत शनिवार को मिला था. करोड़पति सांसद ओडिशा के रायगड़ा क्षेत्र में छुट्टी पर थे, जहां वह अपना 65वां जन्मदिन मना रहे थे. पुलिस के अनुसार, उन्होंने तीसरी मंजिल से कूदकर अपनी जान दी है. ओडिशा के इसी होटल में एक सप्ताह के भीतर रूसी नागरिकों की यह दूसरी मौत है. इससे पहले उनके साथी ब्यदानोव की यहीं पर मौत हो चुकी है.
कलकत्ता में रूसी महावाणिज्यदूत एलेक्सी इदमकिन ने सांसद की संदिग्ध मौत के बारे में अफवाहों का खंडन किया. उन्होंने कहा, "पुलिस को उनकी मौत में कुछ भी संदिग्ध नहीं लग रहा था. ब्यदानोव के शरीर का पहले ही अंतिम संस्कार कर दिया गया है, और उनकी मृत्यु की जांच पूरी हो चुकी है."
एंटोव की मौत की जांच कर रहे पुलिस अधीक्षक विवेकानंद शर्मा ने कहा कि अधिकारियों ने उनके परिवार की अनुमति से सोमवार को शव का अंतिम संस्कार किया. पावेल रविवार, 25 दिसंबर को मृत पाए गए थे. टेलीग्राम चैनल पर क्षेत्रीय संसद के उपाध्यक्ष व्याचेस्लाव कार्तुखिन ने इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा, 'हमारे सहयोगी, एक सफल उद्यमी और परोपकारी पावेल एंटोव का निधन हो गया. संयुक्त रूस गुट के प्रतिनिधियों की ओर से, उनके रिश्तेदारों और दोस्तों के लिए मैं अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं.'
पावेल की मौत उनके पार्टी सहयोगी, 61 वर्षीय व्लादिमीर बुडानोव की रहस्यमयी मौत के दो दिन बाद हुई, जो ओडिशा के रायगड़ा के एक होटल में मृत मिले थे. विशेष रूप से, व्लादिमीर और एंटोव सहित चार रूसी पर्यटकों ने 21 दिसंबर को कंधमाल जिले के दारिंगबाड़ी का दौरा करने के बाद होटल में चेक इन किया था. इस मामले में ओडिशा के डीजीपी सुनील बंसल ने कहा 'क्राइम ब्रांच जिला पुलिस को उनकी मौत की परिस्थितियों का पता लगाने में मदद करेगी. जरूरत पड़ी तो क्राइम ब्रांच पूरी तरह से मामले की जांच अपने हाथ में ले लेगी.'
वहीं एसपी विवेकानंद शर्मा का कहना है कि '4 लोग 21 दिसंबर को रायगड़ा के एक होटल में रहने के लिए आए थे. 22 दिसंबर की सुबह उनमें से एक (बी व्लादिमीर) की मृत्यु हो गई. पोस्टमार्टम के बाद पता चला कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसके चलते उनकी मृत्यु हुई और उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया. उनके मित्र, (पावेल एंटोनोव) उनकी मृत्यु के बाद उदास थे और उनकी भी 25 दिसंबर को मृत्यु हो गई.'
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर पुतिन के कड़े आलोचक
एंटोव यूक्रेन पर पुतिन के युद्ध के कट्टर विरोधियों में से एक थे. जून में एक ब्लॉग पोस्ट में, उन्होंने कीव पर 'रूसी आतंकवाद' के रूप में युद्ध और हवाई हमलों की आलोचना की. आखिरकार भारी दबाव में आकर उन्हें अपना बयान वापस लेना पड़ा. पश्चिमी मीडिया ने बताया कि उन्होंने 'घिनौनी माफी' जारी की थी. उन्होंने दावा किया कि उनकी पोस्ट 'एक दुर्भाग्यपूर्ण गलतफहमी' और 'तकनीकी त्रुटि' थी.