नई दिल्ली : भारत में बाघों की संख्या बढ़कर 3167 हो गई है. यह जानकारी रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साझा की. प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने पर पीएम ने यह जानकारी दी. प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत एक अप्रैल 1973 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने की थी. उन्होंने जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से इसकी शुरुआत की थी.
1973 में बाघों की संख्या मात्र 268 थी. उस समय मात्र नौ टाइगर रिजर्व केंद्र थे. इस वक्त पूरे देश में 53 टाइगर रिजर्व बनाए जा चुके हैं. पूरी दुनिया के 70 फीसदी जंगली बाघों की आबादी भारत में है. 1973 के बाद 2008 में पहली बार बाघों की गणना की गई थी. तब इसकी संख्या 1401 थी. मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 1900 की शुरुआत में भारत में बाघों की संख्या 40 हजार के आसपास थी. अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि बाघों की संख्या में कितनी तेजी से कमी आई.
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2008 में बाघों की संख्या 1401, साल 2010 में 1706, साल 2014 में 2226 और साल 2018 में 2967 थी. यानी आप ये जरूर कह सकते हैं कि बाघों की संख्या में निरंतर वृद्धि जारी है. और अब इसकी संख्या 3167 हो गई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को प्रोजेक्ट टाइगर की सफलता पर कहा कि यह पूरी दुनिया के लिए गर्व का विषय है कि भारत में बाघों की संख्या बढ़ी है. उन्होंने कहा कि भारत ऐसा देश है, जहां पर हम परंपरागत रूप से नेचर को संस्कृति का हिस्सा मानते रहे हैं और हम को-एक्जिस्टेंज में विश्वास करते हैं. पीएम ने कहा कि दुनिया के दूसरे देशों में भी टाइगर रिजर्व हैं, लेकिन वहां पर या तो संख्या स्थिर हैं, या फिर घट रहे हैं, लेकिन भारत में इनकी संख्या बढ़ रही है. पीएम ने कहा कि बढ़ने का कारण हमारी संस्कृति है. हम सह अस्तित्व में विश्वास करते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि हमारे यहां तेदुओं की आबादी में 60 फीसदी इजाफा हुआ है.
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