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उत्तराखंड में गुलदारों की संख्या बढ़ी, वन्यजीव के हमले में गई जान तो मिलेंगे ₹6 लाख

उत्तराखंड वन्यजीव बोर्ड की 19वीं बैठक में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई. इस दौरान गुलदार, बंदर और लंगूरों का आंकड़ा भी जारी किया गया. खास बात ये है कि एक तरफ जहां गुलदारों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई तो वहीं बंदरों की नसबंदी के लिए सालाना 50 हजार का लक्ष्य रखा गया. वहीं, उत्तराखं की राज्य तितली का नाम भी बदला जाएगा.

Leopards reached 3115 in Uttarakhand
गुलदारों की संख्या

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Published : Aug 4, 2023, 10:57 PM IST

उत्तराखंड में गुलदारों की संख्या बढ़ी

देहरादून (उत्तराखंड): मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए. बैठक के दौरान मानव वन्यजीव संघर्ष के लिए राहत राशि को बढ़ाकर 6 लाख किए जाने की मुख्यमंत्री की घोषणा को 15 दिन के भीतर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए. इसके अलावा मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने पर जोर दिया गया है.

जंगली जानवरों के हमले में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या घटीःवन्यजीव बोर्ड की बैठक में विभाग के अधिकारियों ने मानव वन्यजीव संघर्ष में लोगों की मुत्यु दर में पिछले साल के मुकाबले 56.86% की कमी आने की बात कही. इसके अलावा इसमें घायल होने वाले लोगों के आंकड़े में भी 41.7% की कमी आई है. इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन विभाग के अधिकारियों को बधाई दी.
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बर्ड फेस्टिवल पर फोकसःबैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि मांसाहारी और शाकाहारी वन्यजीवों के लिए वनों में केयरिंग कैपेसिटी के साथ ही उनके लिए भोजन की व्यवस्था का भी आकलन किया जाएगा. राज्य में बर्ड फेस्टिवल मनाए जाने के लिए भी निर्णय लिया गया, ताकि प्रदेश में मौजूद बर्ड को लेकर आम लोग भी जानकारी ले सके और बर्ड टूरिज्म को बढ़ावा मिल सके.

बंदरों और लंगूरों की संख्या में गिरावटःबोर्ड बैठक के दौरान जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, उत्तराखंड में 2015 की तुलना में 26.34% बंदरों की संख्या कम पाई गई. साल 2021 की गणना के मुताबिक, उत्तराखंड में 1,10,840 बंदर मौजूद हैं. लंगूरों की संख्या भी 44.17% कम हुई है. साल 2015 की तुलना में 2021 से चल रही गणना में लंगूरों की संख्या 38,011 मिली है.
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उत्तराखंड में 3,115 गुलदार मौजूदःउत्तराखंड में गुलदारों की संख्या भी जारी किया गया. साल 2018 में निचले क्षेत्रों में गुलदारों की गिनती हुई थी, जिसमें 839 गुलदार रिकॉर्ड किए गए थे. यह पहला मौका है, जब वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की तरफ से भी गुलदार की गिनती 1000 से 3500 मीटर क्षेत्र में की गई है. यहां पर कुल 2,276 गुलदार रिकॉर्ड किए गए हैं. इस तरह उत्तराखंड में 3,115 गुलदार मौजूद हैं.

ततैया और मधुमक्खी के डंक से मरने वालों को भी मिलेगा मुआवजा, राज्य तितली का नाम भी बदला जाएगाःमानव वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि नियमावली को संशोधित किया गया है. इसके तहत ततैया और मधुमक्खी से लोगों की मृत्यु होने पर उन्हें भी अनुग्रह राशि का प्रावधान किए जाने का फैसला लिया गया. उत्तराखंड की राज्य तितली का नाम बदलने पर भी सहमति बनी है. फिलहाल, उत्तराखंड की राज्य तितली कॉमन पीकॉक है, जिसका नाम बदला जाएगा.
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