नई दिल्ली : कृषि क्षेत्र में ड्रोन नीति का किस तरह से बेहतर उपयोग हो सकता है, इसे लेकर केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधियाा ने किसानों और नवोदित एंट्रेप्रेन्योर से बात की. उन्होंने कहा कि भारत अब बदल रहा है और नई तकनीक के प्रयोग से हर क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आ रहे हैं. इसी क्रम में उन्होंने ड्रोन तकनीक पर विस्तार से चर्चा की. (use of drones in agriculture).
जब उनसे ड्रोन स्कूलों की संख्या और उनके द्वारा वसूली जाने वाली मोटी फीस पर ध्यान दिलाया गया, तो उन्होंने कहा कि आने वाले समय में ट्रेनिंग स्कूलों की संख्या बढ़ने वाली है, तो जाहिर तौर पर उनकी फीस भी घटेगी. सिंधिया ने कहा, 'अभी ड्रोन पायलट प्रशिक्षण के लिए 23 डायरेक्टॉरेट जनरल सिविल एविएशन सर्टिफाइड स्कूल हैं. अगले चार से पांच महीने में इन स्कूलों की संख्या बढ़ने वाली है. मैं आपको भरोसा दे सकता हूं कि फीस भी घटेगी.'
उन्होंने आगे कहा कि हमने 12 मंत्रालयों को उनके कामकाज के लिए ड्रोन का अधिक से अधिक उपयोग करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि ड्रोन का खेती, भू-सर्वेक्षण और खनन सर्वे में एरिया की मैपिंग के लिए उपयोग किया जा सकता है. कोरोना के समय में ड्रोन ने किस तरह से भूमिका निभाई, इसके बारे में बताते हुए सिंधिया ने कहा कि दूर-दराज के इलाकों में इसके जरिए ही वैक्सीन शीघ्रता से पहुंचाई गई थी. उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि इसका कितना महत्व और कितनी उत्पादकता है.