दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

सात करोड़ से अधिक की संपत्ति रखने वालों की संख्या बढ़ी, हर तीन साल पर बदलते हैं अपनी कार

भारत में सात करोड़ से अधिक की निजी संपत्ति रखने वालों की संख्या पहले के मुकाबले बढ़ी है. एक सर्वे में दावा किया गया है कि 2026 तक भारत में ऐसे अमीरों की संख्या छह लाख तक पहुंच जाएगी.

concept photo
कॉन्सेप्ट फोटो

By

Published : Feb 18, 2022, 6:49 PM IST

मुंबई : कोविड-19 महामारी से प्रभावित वर्ष 2021 में भारत में 'डॉलर मिलियनरी' यानी सात करोड़ रुपये से अधिक की निजी संपत्ति वाले व्यक्तियों की संख्या 11 प्रतिशत बढ़कर 4.58 लाख हो गई. एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई. हालांकि इस सर्वेक्षण में ऐसे 350 लोगों से बातचीत के आधार पर पाया गया कि निजी और पेशवर जिंदगी में खुद को खुश बताने वाले लोगों की संख्या 2021 में घटकर 66 प्रतिशत रह गई, जो इसके एक साल पहले 72 प्रतिशत थी.

हुरुन रिपोर्ट के ये निष्कर्ष ऐसे समय में आए हैं, जब भारत में अमीरों एवं गरीबों के बीच बढ़ती असमानता को लेकर चिंता बढ़ रही है. हाल में आई ऑक्सफैम की रिपोर्ट में भी इस असमानता पर चिंता जताई गई थी. बेहद अमीर लोगों पर अधिक कर लगाने की लगातार तेज होती मांग के बीच इस सर्वेक्षण में शामिल एक-तिहाई से भी कम लोगों का ही यह मानना है कि अधिक कर चुकाना सामाजिक जिम्मेदारी का एक निर्धारक अवयव है.

हुरुन रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2026 तक भारत में 'डॉलर मिलियनरी' की संख्या 30 प्रतिशत बढ़कर छह लाख तक पहुंच जाएगी. रिपोर्ट कहती है कि मुंबई में सबसे अधिक 20,300 'डॉलर मिलियनरी' हैं. इसके बाद दिल्ली में 17,400 और कोलकाता में 10,500 'डॉलर मिलियनरी' परिवार हैं.

इस सर्वेक्षण में शामिल दो-तिहाई से अधिक डॉलर मिलियनरी ने कहा कि वे अपने बच्चों को शिक्षा के लिए विदेश भेजना पसंद करेंगे, जिसमें अमेरिका उनकी पहली पसंद है. सर्वेक्षण के मुताबिक एक चौथाई 'डॉलर मिलियनरी' की पसंदीदा कार मर्सिडीज बेंज है और वे हर तीन साल में अपनी कारों को बदलते हैं. इंडियन होटल्स का होटल ताज सबसे पसंदीदा अतिथि सत्कार ब्रांड के रूप में उभरा, जबकि तनिष्क पसंदीदा ज्वैलरी ब्रांड है.

हुरुन इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद ने कहा कि अगला दशक लग्जरी ब्रांडों और सेवा प्रदाताओं के लिए भारत में प्रवेश करने के लिए बेहतरीन अवसर है.

ये भी पढे़ं :भारत के UPI प्लेटफॉर्म को लागू करने वाला पहला देश बना नेपाल

ABOUT THE AUTHOR

...view details