डोईवाला (उत्तराखंड) : 26 जनवरी को 72वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा. राजपथ पर होने वाली परेड में शक्तिशाली, मजबूत और बुलंद भारत का विहंगम दृश्य दिखाई देता है. परेड का शानदार नजारा आकर्षण का केंद्र होता है, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से भारी संख्या में पहुंचते हैं. इस बार 2017 के बाद एक बार फिर नेशनल सिक्योरिटी गार्ड के कमांडो राजपथ पर अपना दमखम दिखाएंगे. इसके साथ ही इस बार का गणतंत्र दिवस परेड उत्तराखंड के लिए भी बेहद खास होने वाला है.
डोईवाला में तैयार यूनिफॉर्म पहन मार्च करेंगे NSG कमांडो. राजपथ पर एनएसजी कमांडो डोईवाला के माजरी ग्रांट स्थित मिलिट्री इक्विपमेंट सेंटर में तैयार हुई खास यूनिफॉर्म पहनकर मार्च करते दिखाई देंगे. मिलिट्री इक्विपमेंट सेंटर के संचालक विनोद कुमार बताते हैं उनकी संस्था काफी लंबे समय से सेना के लिए यूनिफॉर्म और टैक्टिकल प्रोटेक्टिव गियर बनाते आ रहे हैं. ऐसे में एनएसजी कमांडो के लिए यूनिफॉर्म तैयार कर उन्हें गर्व की अनुभूति हो रही है.
विनोद कुमार का कहना है कि मिलिट्री इक्विपमेंट में सर्वोच्च गुणवत्ता वाले मैटेरियल्स का प्रयोग कर ड्रेस बनाई जाती है, ताकि जवानों को ड्रेस पहनने के बाद आरामदायक महसूस हो और वे आसानी से मूवमेंट भी कर सकें.
डोईवाला में तैयार हो रही एनएसजी कमांडो की यूनिफॉर्म. पढ़ें:अरुणाचल प्रदेश में युवाओं को भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए मेले का आयोजन
मिलिट्री इक्विपमेंट सेंटर के संचालक विनोद कुमार का कहना है कि उनकी संस्था को बेहद कम समय में एनएसजी कमांडो के लिए ड्रेस बनाने का ऑर्डर मिला था, जो समय पर पूरा हो गया है. डोईवाला के माजरी ग्रांट में तैयार यूनिफॉर्म को पहनकर कमांडो राजपथ पर मार्च करते नजर आएंगे.
विनोद कुमार खुद भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं और रिटायरमेंट के बाद डोईवाला में सेना के जवानों के लिए मिलिट्री इक्विपमेंट तैयार करते हैं. उनके यहां तैयार वस्त्र और अन्य सामान कोरोना काल में भी फौज की यूनिटों द्वारा मंगवाए गए हैं.
राजपथ पर दिखेगी भारत की ताकत
हाईटेक हथियारों से लैस इन कमांडो को ब्लैक कैट कमांडो इसलिए भी कहा जाता है, क्योंकि इनकी पूरी यूनिफार्म ब्लैक होती है. तमाम हथियार इनके पास होते हैं. ये वो दस्ता है, जिसे सबसे आगे रखा जाता है. ये कमांडो रेस्क्यू ऑपरेशन को कुछ ही घंटों में सफलतापूर्वक अंजाम देते हैं.
हर परिस्थितियों से निपटने में ये सक्षम होते हैं. यही वजह है कि इनको सबसे घातक कमांडो कहा जाता है. एनएसजी कमांडो इस बार राजपथ पर अकेले नहीं, बल्कि किसी भी बड़े ऑपरेशन को अंजाम देने के लिये इस्तेमाल किए जाने वाले अत्याधुनिक हथियारों के साथ नजर आएंगे.