दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

NSE Co-Location Case: CBI की 10 ठिकानों पर छापेमारी

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को-लोकेशन मामले में प्राथमिकी साल 2018 में दर्ज की गई थी. दरअसलल, शेयर खरीद-बिक्री के केंद्र देश के प्रमुख एनएसई के कुछ ब्रोकरों को ऐसी सुविधा दे दी गई थी, जिससे उन्हें बाकी के मुकाबले शेयरों की कीमतों की जानकारी कुछ पहले मिल जाती थी.

CBI का 10 ठिकानों पर तलाशी अभियान
CBI का 10 ठिकानों पर तलाशी अभियान

By

Published : May 21, 2022, 12:48 PM IST

Updated : May 21, 2022, 1:37 PM IST

नई दिल्ली:केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने एनएसई को-लोकेशन घोटाला मामले में शनिवार को बड़ी कार्रवाई की. एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि एजेंसी के अधिकारी दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, गांधीनगर, नोएडा और गुरुग्राम में 10 से अधिक स्थानों पर तलाशी ले रही है. ये सभी ठिकाने मामले में संबंधित दलालों के हैं. एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस घोटाले के जरिए दलालों को हुए वित्तीय लाभ का पता लगाने के लिए यह तलाशी ली जा रही है.

अधिकारी ने कहा कि फिलहाल मामले से जुड़े दलालों के 12 परिसरों की तलाशी ली जा रही है. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने मामले में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व सीईओ और एमडी चित्रा रामकृष्ण और समूह संचालन अधिकारी आनंद सुब्रमण्यम के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है. जांच से अब तक पता चला है कि 2010 से 2015 तक, जब रामकृष्ण एनएसई चीफ थीं, ओपीजी सिक्योरिटीज, जो कि प्राथमिकी के आरोपियों में से एक है 670 कारोबारी दिनों तक सेकेंडरी पीओपी सर्वर से जुड़ा था.

केंद्रीय जांच एजेंसी ने 2018 में दिल्ली स्थित ओपीजी सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड के मालिक और प्रमोटर, स्टॉक ब्रोकर संजय गुप्ता को स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग सिस्टम तक जल्दी पहुंच प्राप्त करने के आरोप में आरोपी बनाया था. एजेंसी भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी), एनएसई, मुंबई और अन्य अज्ञात लोगों के अज्ञात अधिकारियों की भी इस मामले में जांच कर रही है. सीबीआई ने यह आरोप लगाया गया था कि उक्त निजी कंपनी के मालिक और प्रमोटर ने एनएसई के अज्ञात अधिकारियों के साथ साजिश में एनएसई के सर्वर आर्किटेक्चर का दुरुपयोग किया.

सीबीआई के अधिकारियों ने कहा कि रामकृष्ण, जिन्होंने 2013 में पूर्व सीईओ रवि नारायण की जगह ली थी, ने सुब्रमण्यम को अपना सलाहकार नियुक्त किया था, जिन्हें बाद में सालाना 4.21 करोड़ रुपये के मोटे वेतन पर समूह संचालन अधिकारी (जीओओ) के रूप में पदोन्नत किया गया था. बता दें कि सीबीआई ने सुब्रमण्यम की गिरफ्तारी के बाद दावा किया था कि आनंद सुब्रमण्यम ही वो कथित हिमालयी योगी है, जिसके इशारे पर चित्रा रामकृष्ण काम करती थीं.

पढ़ें:NSE की गोपनीय सूचना लीक करने की आरोपी चित्रा रामकृष्णा की जमानत याचिका पर CBI को नोटिस

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को-लोकेशन मामले में प्राथमिकी साल 2018 में दर्ज की गई थी. दरअसलल, शेयर खरीद-बिक्री के केंद्र देश के प्रमुख नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कुछ ब्रोकरों को ऐसी सुविधा दे दी गई थी, जिससे उन्हें बाकी के मुकाबले शेयरों की कीमतों की जानकारी कुछ पहले मिल जाती थी. इसका लाभ उठाकर वे भारी मुनाफा कमा रहे थे. इससे संभवत: एनएसई के डिम्यूचुलाइजेशन और पारदर्शिता आधारित ढांचे का उल्लंघन हो रहा था. धांधली करके अंदरूनी सूत्रों की मदद से उन्हें सर्वर को को-लोकेट करके सीधा एक्सेस दिया गया था.

पीटीआई

Last Updated : May 21, 2022, 1:37 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details