नई दिल्ली : आतंकी गतिविधि के लिए धन मुहैया कराने से जुड़ी एक जांच के तहत गिरफ्तार एनएससीएन (आईएम) नेता अलेमला जामिर ने बुधवार को दिल्ली की एक अदालत से कहा कि उसे निरंतर हिरासत में रखने से इस नगा संगठन एवं केंद्र के बीच 'नगा शांति वार्ता' प्रभावित हो रही है.
उसने दो महीने के लिए अंतरिम जमानत की मांग करते हुए विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह के सामने यह बात कही. उसने कहा कि उसे इस महामारी के दौरान अपनी नाबालिग बेटी की देखभाल करनी है, इसलिए उसे दो महीने की अंतरिम जमानत चाहिए.
न्यायाधीश ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को नोटिस जारी किया और उससे जामिर के अंतरिम जमानत आवेदन पर 18 मई तक जवाब मांगा.
दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने यहां 72 लाख रुपये ले जाने के आरोप में दिसंबर, 2019 में जामिर को गिरफ्तार किया था. बाद में यह मामला एनआईए के हाथों में सौंप दिया गया.
आरोपी के वकील एमएस खान ने अदालत से कहा कि उनकी मुवक्किल की गिरफ्तारी एवं लगातार सलाखाों के पीछे रखने के कारण 'नगा शांति प्रक्रिया' के मध्यस्थ का भारत सरकार के दृष्टिकोण पर से विश्वास उठ रहा है.