कोहिमा :नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालिम (एनएससीएन-आईएम) ने कहा कि दशकों पुराने नगा राजनीतिक मुद्दे का समाधान तलाशने के लिए करीब दो साल के अंतराल के बाद वार्ता बहाल करने वाले एनएसीआईएन-आईएम ने बयान में कहा कि समस्या की जड़ें भारत की उस दुर्भावनापूर्ण खुशी में समाई हुई हैं जो नगा लोगों के ऐतिहासिक एवं राजनीतिक अधिकारों का उल्लंघन करती है.
इस बीच नगा वार्ता में सरकार के प्रतिनिधि एके मिश्रा ने नई दिल्ली में नगा नेशनल पॉलिटिकल ग्रुप्स (एनएनपीजी) की कार्यसमिति के सदस्यों के साथ बैठक की. एनएनपीजी की मीडिया शाखा ने एक बयान जारी करके यह जानकारी दी. यह एनएससीएन-आईएम के विरोधी सात संगठनों का प्रतिनिधित्व करता है.
उसने कहा कि यह संवाद सौहार्दपूर्ण था जहां दोनों पक्षों ने निरंतरता एवं उद्देश्य के प्रति कटिबद्धता दिखाई और चीजें वहां से आगे बढ़ीं जहां पूर्व वार्ताकार आरएन रवि इस वार्ता से हटे थे. उसने कहा कि निकट भविष्य में भी चर्चा जारी रहेगी और स्थायी संबंध की बारीकियां तैयार की जाएंगी.
अपना रूख सख्त करते हुए हालांकि एनएससीएन-आईएम ने कहा कि नगा झंडा और येहजाबो (संविधान) का मुद्दा इस पुरानी समस्या के हल की राह में रोड़ा है और उसने केंद्र पर विभाजनकारी नीति अपनाने का आरोप लगाया.