चंडीगढ़: अमृतपाल सिंह के खिलाफ पंजाब पुलिस द्वारा चलाया जा रहा जांच अभियान लगातार जारी है. अमृतपाल और उसके साथियों की तलाश में पुलिस द्वारा शहर-शहर छापेमारी की जा रही है. इसी कड़ी के तहत पुलिस ने अमृतपाल सिंह के करीबी गनमैन वीरेंद्र सिंह जौहल को गिरफ्तार किया है, जिसे एनएसए के तहत डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया है. वीरेंद्र सिंह साये की तरह हमेशा अमृतपाल सिंह के साथ रहा. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार कर डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया है, जहां अमृतपाल के बाकी साथियों को भेजा गया है.
अमृतपाल को गिरफ्त में लेने के लिए पुलिस नेपाल पहुंच गई है. पंजाब पुलिक की इस कार्रवाई में दिल्ली पुलिस और केंद्रीय एजेंसी भी मदद कर रही है. पंजाब पुलिस सेंट्रल इंटेलिजेंस विंग के इनपुट पर वहां काम कर रही है. इस मामले में अमृतपाल के थाईलैंड कनेक्शन की भी जांच की जा रही है. पुलिस उसके हर एक तार को खंगालने में जुटी है.
पुलिस की मानें तो अमृतपाल कई बार थाईलैंड गया है. दुबई में रहने के दौरान वह थाईलैंड जाया करता था. अब अमृतपाल के नेपाल या पाकिस्तान के रास्ते थाईलैंड पहुंचने की आशंका जतायी जा रही है. उसके थाईलैंड जाने के पीछे कई तर्क दिए जा रहे हैं. पुलिस का कहना है कि अमृतपाल का एक फाइनेंसर दलजीत कलसी है. उसका भी थाईलैंड से कनेक्शन है. बताया जा रहा है कि कलसी पिछले 13 सालों में 18 बार थाईलैंड की यात्रा कर चुका है. इससे भी महत्वपूर्ण है कि अमृतपाल की एक महिला मित्र वहां है. उसकी मदद से वह वहां आसानी से रह पाता है. उसके छिपने में उसकी महिला मित्र मदद करती है.
ये भी पढ़ें- Amritpal Case: अमृतपाल सिंह की तलाश में नेपाल पहुंची पंजाब पुलिस
पुलिस का कहना है कि अमृतपाल स्वयं को पंजाब का प्रधान बताकर समाज की सेवा नहीं करना चाहता था. वह केवल वारिस पंजाब संगठन शुरू करने वाले पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू की लोकप्रियता का फायदा उठाना चाहता था और उसकी आड़ में पंजाब में खालिस्तान की मांग को उजागर करना चाहता था. दीप सिद्धू के भाई एडवोकेट मनदीप सिद्धू ने कभी वारिस पंजाब के संगठन के दस्तावेज अमृतपाल सिंह को नहीं सौंपे बल्कि वह दीप सिद्धू के नाम का फायदा उठाना चाहते थे.