देहरादून:उत्तराखंड वक्फ बोर्ड (Uttarakhand Waqf Board) में नए अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद पहली बोर्ड बैठक (First board meeting) आहूत की गई. इस बैठक में मदरसों की शिक्षा से लेकर वक्फ की अवैध तौर पर कब्जा की गई संपत्तियों के ध्वस्तीकरण और पिरान कलियर में अवैध धंधों पर रोकथाम से जुड़े प्रस्ताव लाये गए. वहीं, अब दरगाह में आने वाले किसी भी श्रद्धालु या जायरीन को सुरक्षा जांच के बाद ही परिसर में आने दिया जाएगा. इसमें दरगाह के बाहर मशीन लगाकर सभी का टेस्ट होगा ताकि कोई भी व्यक्ति नशे की हालत में दरगाह के भीतर दाखिल न हो सके.
बता दें कि उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर शादाब शम्स (Shadab Shams) की ताजपोशी के बाद आज पहली बोर्ड की बैठक आहूत की गई. इस बोर्ड बैठक पर सभी की निगाहें टिकी हुई थी क्योंकि रोड बैठक से पहले नवनियुक्त अध्यक्ष शादाब शम्स ऐसे कई बयान देते हुए सुनाई दिए थे, जिस पर काफी विवाद भी हुआ. बोर्ड की पहली बैठक में यूं तो कई प्रस्तावों को लाया गया और उन पर मुहर भी लगाई गई, लेकिन मुख्य रूप से देखें तो बोर्ड बैठक में मदरसों पर लिए गए फैसले और पिरान कलियर के साथ ही अवैध वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर कब्जे से जुड़े मामलों पर निर्णय लिया गया.
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बोर्ड ने मदरसों पर प्रस्ताव लाकर मदरसों को स्मार्ट बनाने और मॉडल क्लास तैयार करने का फैसला लिया गया, इसके अलावा इस क्लास में मुफ्त लैपटॉप और टेबलेट की व्यवस्था करने का भी प्रस्ताव पास किया गया. बैठक में फैसला लिया गया कि वक्फ बोर्ड के अंतर्गत आने वाले 103 मदरसों में एनसीईआरटी सिलेबस को पूरी तरह लागू किया जाएगा और धार्मिक शिक्षा का समय निश्चित करते हुए स्कूली शिक्षा को महत्व दिया जाएगा. उधर, ऑनलाइन और ऑफलाइन फ्री एजुकेशन की व्यवस्था करने के लिए भी काम होगा.
वहीं, बोर्ड बैठक में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर अवैध कब्जे को हटाए जाने से संबंधित प्रस्ताव भी लाया गया. इसमें तय किया गया कि जिन लोगों के कब्जे वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर है, उन्हें बुलडोजर चलाकरध्वस्त किया जाएगा. इस दौरान पिछले 5 साल के दौरान किए गए कामों की समीक्षा भी की गई और वक्फ बोर्ड की संपत्ति का ब्यौरा जुटाने के लिए पुराने अधिकारी कर्मचारियों को भी फिर से कुछ समय के लिए रखे जाने का फैसला हुआ.
बोर्ड की बैठक में तीसरा महत्वपूर्ण निर्णय पिरान कलियर से जुड़ा था. जिसमें निर्णय लिया गया कि अब दरगाह में आने वाले किसी भी श्रद्धालु या जायरीन को सुरक्षा जांच के बाद ही परिसर में आने दिया जाएगा. इसमें दरगाह के बाहर मशीन लगाकर सभी का टेस्ट होगा ताकि कोई भी व्यक्ति नशे की हालत में दरगाह में दाखिल न हो सके. उधर, पूरे क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगें, जो लाइव रिकॉर्डिंग करेंगे और इसका लिंक पुलिस के साथ भी साझा किया जाएगा.