मुंबई: महाविकास अघाड़ी सरकार (Mahavikas Aghadi government) के नेता बीजेपी पर केंद्रीय जांच एजेंसी (Central Investigation Agency) का इस्तेमाल कर एमवीए सरकार को बदनाम करने की कोशिश करने का आरोप लगा रहे हैं. इसके चलते अब एमवीए सरकार ने भाजपा के नेताओं को घेरना शुरू कर दिया है. इस क्रम में एमवीए सरकार के नेताओं ने भाजपा नेताओं पर लगे आरोपों की जांच करवाने योजना बनाई है.
इस मामले में राजनीतिक विश्लेषक अजय वैद्य (political analyst Ajay Vaidya) ने कहा है कि राज्य जांच एजेंसी द्वारा जलयुक्त शिवर योजना (Jalayukta Shivar Yojana) और मुंबई बैंक ( Mumbai Bank) की जांच शुरू कर दी गई है.
एमवीए सरकार ने आक्रामकता दिखाने में देर की?
वैद्य ने कहा कि एमवीए सरकार को यह कदम पहले उठाना चाहिए था जब भाजपा नेता एमवीए में मंत्रियों और नेताओं पर आरोप लगा रहे थे.
एसीबी ने 'जलयुक्त शिवर योजना' की जांच शुरू की इस योजना को राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनीस की महत्वाकांक्षी योजना के रूप में जाना जाता है. हालांकि, राज्य में सरकार बदलने के बाद एमवीए के नेताओं ने आरोप लगाया कि इस योजना में कई घोटाले हुए.
इस आरोप के बाद रिश्वत रोकथाम विभाग द्वारा जलयुक्त शिवार योजना की जांच शुरू कर दी गई है. कुल 924 कार्यों में से शुरू में अमरावती में 198 कार्यों की जांच की जाएगी.
एमएस देसरदा ने मुंबई उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर जलयुक्त शिवर योजना की जांच की मांग की थी. जलयुक्त शिवार योजना के कार्यों का आवंटन करते समय ई-निविदाओं को अस्वीकार कर दिया गया. याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि कई जगहों पर सिर्फ कागजी कार्रवाई दिखाई गई.