वाराणसी:आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया की तरफ से 2 नवंबर तक ज्ञानवापी परिसर में किए गए सर्वे के बाद इसकी रिपोर्ट को कोर्ट में दाखिल किए जाने के बाद अब तक यह बात सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आई है कि रिपोर्ट को सामने लाने के लिए मुस्लिम पक्ष विरोध में है या हिंदू पक्ष इसके समर्थन में है. इन सबके बीच एएसआई ने पिछले दिनों कोर्ट में एक एप्लीकेशन देकर 4 सप्ताह तक रिपोर्ट सार्वजनिक न किए जाने की मांग की थी. क्योंकि, ज्ञानवापी से जुड़े मुख्य मुकदमे 1991 के लॉर्ड विशेश्वर प्रकरण के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने इस मामले में हाईकोर्ट से यह गुहार लगाई थी कि सर्वे रिपोर्ट सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दाखिल की जाए, ताकि मुख्य मुकदमे में भी इस प्रकरण से मदद ली जा सके.
19 दिसंबर को कोर्ट ने आदेश देकर 19 जनवरी को होने वाली सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में अगली सुनवाई के दौरान रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था. इस पर आज जिला जज ने अपने आदेश में यह स्पष्ट कर दिया कि एएसआई 19 जनवरी को वहां रिपोर्ट दाखिल करे और उसके बाद अब 24 जनवरी को आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और अन्य तीन मुकदमों पर सुनवाई की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा.
इस बारे में वाराणसी में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की तरफ से पैरवी कर रहे स्टैंडिंग गवर्नमेंट काउंसिल के अमित श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने 19 जनवरी तक कोर्ट रिपोर्ट को सार्वजनिक न किए जाने की अपील करते हुए 4 सप्ताह का समय मांगा था. क्योंकि, यही रिपोर्ट हाईकोर्ट और सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत के आदेश पर उनके कोर्ट में मुख्य मुकदमे के लिए दाखिल करनी है. कोर्ट ने डायरेक्ट तो नहीं. लेकिन, इनडायरेक्ट वे में इस एप्लीकेशन को स्वीकार कर लिया है और यह कहा जा सकता है कि आंशिक रूप से इस पर कोर्ट ने आदेश देते हुए उन्हें 24 जनवरी को अगली सुनवाई के लिए तारीख दी है. इस पर यह निश्चित हो जाएगा कि अब रिपोर्ट सार्वजनिक होगी या नहीं. वहीं, इसके अतिरिक्त कोर्ट ने प्रतिवादी पक्ष की तरफ से ज्ञानवापी के वजूखाने की सफाई करने के एप्लीकेशन के अतिरिक्त व्यास जी का तहखाना और रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने के एप्लीकेशन पर वादी पक्ष की तरफ से और प्रतिवादी पक्ष की तरफ से विरोध के संदर्भ में भी 24 जनवरी को ही सुनवाई की जाएगी.