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सलीम दुर्रानी का जानिए क्या है राजस्थान से नाता

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Published : Apr 2, 2023, 11:44 AM IST

अफगानिस्तान में जन्मे सलीम दुर्रानी ने अपना घरेलू क्रिकेट राजस्थान से शुरू किया था. इसके बाद भारतीय टीम में अपनी जगह बनाई. इस ऑलराउंडर खिलाड़ी ने 170 मैच फर्स्ट क्लास क्रिकेट के खेले. इसके अलावा 29 टेस्ट मैच में 1202 रन बनाए. इसके अलावा 75 विकेट भी इस खिलाड़ी के नाम हैं.

Former India Great Salim Durani Passes Away
Former India Great Salim Durani Passes Away

जयपर.मशहूर क्रिकेटर सलीम दुर्रानी के निधन के बाद प्रदेश के क्रिकेट जगत में शोक की लहर है. सलीम दुर्रानी पैवेलियन और दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों की आवाज की दिशा में छक्का मारने के लिए मशहूर थे. कहा जाता है कि जिस तरफ से हूटिंग की जाती थी, दुर्रानी उसी दिशा में छक्का मारने का कारनामा कई बार कर चुके थे. 88 वर्षीय सलीम दुर्रानी कैंसर से पीड़ित थे आज सुबह उन्होंने गुजरात के जामनगर में आखिरी सांस ली. साल 1960 में सलीम दुरानी को अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया था. पहले क्रिकेटर थे जिन्हें यह अवार्ड मिला था. हरफनमौला क्रिकेटर के रूप में पहचान रखने वाले सलीम दुर्रानी ने अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर में 29 टेस्ट मैच खेलते हुए 1202 रन बनाए थे. इसमें उनका एक शतक और 7 अर्धशतक शामिल है. इसके अलावा 75 विकेट भी उनके क्रिकेट रिकॉर्ड में दर्ज है.

3 देशों से रहा है नाता : क्रिकेटर सलीम दुर्रानी का जन्म अफगानिस्तान में हुआ था. जब वे महज 8 महीने के थे, तब उनका परिवार अफगानिस्तान से कराची आ गया था. भारत-पाकिस्तान के विभाजन के बाद सलीम दुर्रानी के परिजन भारत आ गए. इस तरह से वह ऐसे क्रिकेटर रहे, जिनकी जिंदगी में तीन देशों का नाता रहा था. आवाज की दिशा में छक्का मारने की खूबी के साथ साथ तेज-तर्रार ऑलराउंड परफॉर्मेंस के कारण अपने दौर में दुर्रानी दर्शकों के बीच खासा मशहूर थे. क्रिकेट जगत से जुड़े लोग बताते हैं कि 1973 में जब कानपुर टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ उन्हें प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया गया, तो दर्शकों ने मैदान पर ही नो-दुर्रानी नो-टेस्ट के पर्चे लहरा दिए थे. उनके इंटरनेशनल क्रिकेट करियर का एकमात्र शतक वेस्टइंडीज के खिलाफ आया था. जब भारतीय टीम पर फॉलोऑन से हार का खतरा मंडरा रहा था. उस दौर में पॉली उमरीगर के साथ उन्होंने शानदार पारी खेली थी और भारतीय टीम को शर्मनाक हार से बचा लिया था. 1964 में पोर्ट ऑफ स्पेन की इस पारी को आज भी क्रिकेट जगत में यादगार लम्हों के रूप में दर्ज माना जाता है.

राजस्थान के क्रिकेट से भी रहा रिश्ता : सलीम दुर्रानी ने घरेलू क्रिकेट के करियर में गुजरात सौराष्ट्र के अलावा राजस्थान के लिए भी मैचेज खेले थे. उन्हें बीसीसीआई की ओर से सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था. दुर्रानी 2018 में भारत-अफगानिस्तान के बीच हुए एकमात्र क्रिकेट टेस्ट के दौरान भी अफगान में जन्में नागरिक के रूप में मौजूद रहे थे. सलीम दुर्रानी अपने हरफनमौला क्रिकेट खेल के अलावा अपनी खूबसूरती के कारण भी चर्चित रहे थे. उन्होंने परवीन बॉबी के साथ एक फिल्म में भी काम किया था. 1973 में चरित्र टाइटल से यह फिल्म रिलीज हुई थी. दुर्रानी की जिंदगी के आखिरी लम्हे तंगहाली में ही गुजरे थे और सोशल मीडिया पर भी उनकी इस फाकाकशी के चर्चे हुए थे. हालांकि बीसीसीआई की ओर से उन्हें ₹50000 महीने की पेंशन दी जाती थी।

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नवंबर 2020 को सलीम दुर्रानी जयपुर आए थे. तब राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के ऑफिस पर अपने फैन्स से रूबरू हुए दुर्रानी ने इस दौरान आवाज के साथ छक्का मारने और टेस्ट से बाहर किए जाने पर दर्शकों की नाराजगी को लेकर मशहूर किस्सों पर उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत भी की थी. उन्होंने मौजूदा दौर में T20 क्रिकेट के लोकप्रिय होने पर भी खुशी जाहिर की थी. दीपक चाहर, राहुल चाहर और खलील अहमद जैसे सितारों के राजस्थान से निकलकर देश के लिए खेलने पर बेहद खुशी जताई थी. बतौर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन चुनाव में मतदान भी किया था.

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