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सेमीकॉन इंडिया-2023 : जयशंकर ने सेमीकंडक्टर अभियान को लेकर दिया बड़ा बयान, कहा- वैश्विक मांग को पूरा करने में देंगे सहयोग

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Published : Jul 30, 2023, 3:02 PM IST

गुजरात के गांधीनगर में 'सेमीकॉनइंडिया कॉन्फ्रेंस 2023' को वर्चुअल तरीके से संबोधित करते हुए जयशंकर ने अमेरिका के साथ महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत के बढ़ते सहयोग का जिक्र किया.

Jaishankar
विदेश मंत्री एस जयशंकर

गांधीनगर/नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि अगर महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियां (सीईटी) शक्ति के नए आयाम के रूप में उभरें, तो इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं होगी.

उन्होंने साथ ही जोड़ा कि सीईटी क्षेत्र में चिंता इस बात की है कि बाजार हिस्सेदारी किस तरह प्रभावित होती है और उत्पादन में प्रभुत्व का अन्य क्षेत्रों में क्या लाभ उठाया जाता है.

जयशंकर ने यहां आयोजित 'सेमीकॉन इंडिया-2023' कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये संबोधित करते हुए कहा कि सीईटी के संबंध में आविष्कार और विनिर्माण, बाजार हिस्सेदारी, संसाधन और कौशल जैसे पहलू महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं. मंत्री ने यह भी कहा कि भारत जितना अधिक आत्मनिर्भर होगा, सेमीकंडक्टर उत्पादन में भी उसकी आत्मनिर्भरता उतनी अधिक होगी.

उन्होंने 'महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों में भारत की भूमिका' विषय पर अपने संबोधन में कहा, 'यह (सीईटी) ज्ञान अर्थव्यवस्था का एक आंतरिक तत्व है, जिसका प्रभाव लगातार बढ़ रहा है. इसकी प्रमुख विशेषताओं में एक है कि यह प्रौद्योगिकियों को इतनी गहराई से जोड़ता है कि हमारे जीवन के सभी हिस्से इससे बहुत अधिक प्रभावित होते हैं.'

उन्होंने कहा, 'इसके चलते अगर हमारी आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों की प्रकृति में बदलाव आता है, तो यह आश्चर्य की बात नहीं है कि महत्वपूर्ण और उभरती हुई प्रौद्योगिकियां (सीईटी) ताकत के सबसे महत्वपूर्ण आयाम के रूप में उभरें.'

जयशंकर ने कहा कि सीईटी आज कई प्रमुख भागीदारों के साथ बातचीत का एक महत्वपूर्ण विषय है.

सेमीकंडक्टर अभियान को लेकर ये बोले जयशंकर :जयशंकर ने कहा कि भारत का सेमीकंडक्टर अभियान केवल घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए नहीं है, बल्कि इसका लक्ष्य भरोसेमंद विनिर्माण के लिए वैश्विक मांग को पूरा करने में सहयोग देना भी है.

जयशंकर ने दुनिया भर की अग्रणी सेमीकंडक्टर कंपनियों के शीर्ष कार्यकारी अधिकारियों से कहा कि उनके निर्णयों तथा संबंधों के निहितार्थ तात्कालिक कारोबार से परे हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था की 'री- इंजनीयरिंग' में योगदान दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि भरोसा तथा पारदर्शिता डिजिटल क्षेत्र के भविष्य में अहम मुद्दों के रूप में उभर कर सामने आई है और ऐसे प्रश्न कि 'हमारा डेटा कौन संसाधित करता है और कौन उसका फायदा लेता है' कृत्रिम मेघा की इस दुनिया में बेहद अहम है.

विदेश मंत्री ने कहा, 'वास्तव में हम अब बुनियादी विनिर्माण और रोजमर्रा की वस्तुओं तथा सेवाओं को भी उनके डेटा निहितार्थ से अलग नहीं कर सकते.' उन्होंने अहम प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत के लक्ष्य और रुख पर भी विस्तार से जानकारी दी.

विदेश मंत्री ने कहा, 'हमारा सेमीकंडक्टर अभियान केवल घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए नहीं है, बल्कि इसका लक्ष्य भरोसेमंद विनिर्माण के लिए वैश्विक मांग को पूरा करने में सहयोग देना भी है. यह 'मेक इन इंडिया' और 'मेक फॉर वर्ल्ड' का सशक्त उदाहरण है.'

जयशंकर ने अमेरिका के साथ महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत के बढ़ते सहयोग का भी जिक्र किया. साथ ही उन्होंने सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला तथा नवोन्मेषी साझेदारी पर एक समझौता ज्ञापन का जिक्र किया जो मार्च में अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जीना एम रायमोंडो की नई दिल्ली यात्रा के दौरान हुआ था.

उन्होंने कहा, 'इसमें एक सहयोगात्मक तंत्र स्थापित करने की बात है जो अमेरिका के 'चिप्स एवं विज्ञान अधिनियम' तथा भारत के सेमीकंडक्टर मिशन के उत्पाद सहयोग को प्रदर्शित करेंगे.'

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(पीटीआई-भाषा)

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