नई दिल्ली : भारत शनिवार को कोविड 19 टीकाकरण अभियान को शुरू करने जा रहा है. इस मामले में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने गुरुवार को कहा कि प्रत्येक नागरिक को टीका नहीं लगाया जाएगा. शीर्ष चिकित्सा अनुसंधान संस्थान ने कहा कि निकट भविष्य में न तो बच्चों और न ही गर्भवती महिलाओं का टीका लगाया जाएगा.
ईटीवी भारत से बात करते हुए आईसीएमआर में वैज्ञानिक और महामारी विज्ञान और संचारी रोग प्रभाग के प्रमुख डॉ समीरन पांडा ने कहा कि यह सामूहिक टीकाकरण के बजाय एक स्मार्ट टीकाकरण अभियान होने जा रहा है.
इस दौरान डॉ पांडा ने टीकाकरण के पहले चरण में तीन श्रेणियों के लोगों को चुनने के पीछे सरकार की रणनीति साझा की.
उन्होंने कहा कि टीकाकरण रोलआउट के पीछे विज्ञान यह है कि आप टीकाकरण इसलिए करते हैं, ताकि वायरस संचरण की श्रृंखला बाधित हो जाए. उन्होंने कहा कि विचार यह नहीं है कि प्रत्येक और हर भारतीय को टीका मिले.
उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य ट्रांसमिशन की श्रृंखला को बाधित करना है और यह भी सुनिश्चित करना है कि बुजुर्ग लोग संक्रमित न हों.
सरकार ने पहले टीकाकरण करने के लिए एक प्राथमिकता योजना शुरू की है, जिसके तहत स्वास्थ्य कर्मी, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को टीका लगाया जाएगा.
पांडा ने कहा कि पहले प्राथमिकता समूह को टीका लगाया जाएगा. इसके तहत न तो गर्भवती महिलाओं और न ही बच्चों को टीका लगाया जाएगा. वह टीकाकरण योजना का हिस्सा नहीं हैं. हमें सावधानीपूर्वक स्थिति का निरीक्षण करना होगा और देखना होगा कि महामारी खत्म हो. हमारा मिशन बच्चों के आसपास एक सुरक्षात्मक सुरक्षा कवच बनाना है, ताकि वे संक्रमित न हों.
आईसीएमआर वैज्ञानिक ने कहा कि टीका लगाने से पहले पर्याप्त संख्या में बच्चों पर उचित अध्ययन की आवश्यकता है.
डॉ पांडा ने कहा कि जब हम महिलाओं के बारे में बात करते हैं, तो हम केवल एक ही व्यक्ति के बारे में बात नहीं करते हैं, हम गर्भ में पल रहे बच्चे के बारे में भी बात करते हैं ... इसलिए हमें लोगों के एक विशेष समूह पर टीकाकरण के संभावित दुष्प्रभावों का सावधानीपूर्वक अध्ययन करने की आवश्यकता है.