नैनीताल: कोरोना की दूसरी लहर ने गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है. शहरों के बाद जहां कोरोना अब ग्रामीण इलाकों में भी पैर पसारता जा रहा है वहीं, नैनीताल जिले में एक गांव ऐसा है, जहां ग्रामीणों की जागरूकता, जिम्मेदारी और अनुशासन ने कोरोना की एंट्री नहीं होने दी है. हम बात कर रहे हैं मुक्तेश्वर के सतोली गांव (satoli village) की.
कोरोना की दूसरी लहर का असर इस बार शहरों के साथ गांवों में देखने को मिला है. गांवों में भी बड़ी संख्या में लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं. लेकिन मुक्तेश्वर के सतोली गांव में ऐसा नहीं हुआ. सतोली गांव से कोरोना कोसों दूर है. इसका श्रेय जाता है, ग्राम प्रधान पुष्पा नयाल को. ग्राम प्रधान पुष्पा नयाल और ग्रामीणों ने कोरोना को मात देने के लिए अपनी एसओपी (मानच संचालन प्रक्रिया) तैयार की थी.
निगेटिव रिपोर्ट के बिना गांव में एंट्री नहीं
ग्रामीणों की तरफ से स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि बाहर से आने वाले किसी भी व्यक्ति को कोरोना निगेटिव रिपोर्ट के बिना गांव के अंदर नहीं आने दिया जाएगा. अगर कोई व्यक्ति दूरदराज के क्षेत्रों या राज्यों से गांव में आता है, तो उसके स्वास्थ्य परीक्षण के लिए गांव के बाहर क्वारंटाइन की व्यवस्था की गई है.