नयी दिल्ली:नॉर्वेजियन क्लाइमेट इन्वेस्टमेंट फंड, नॉर्वेफंड द्वारा प्रबंधित, और KLP, नॉर्वे की सबसे बड़ी पेंशन कंपनी, भारत में Enel Green Power द्वारा विकसित 168 MW पवन ऊर्जा संयंत्र के लिए इक्विटी और गारंटी देती है, जिससे प्रति वर्ष 5,70,000 टन CO2e को कम किया जा सकेगा. इस बात की जानकारी नई दिल्ली में नॉर्वेजियन दूतावास ने सोमवार को दी है.
यह घोषणा नॉरफ़ंड के नए जलवायु जनादेश की पहली वार्षिक रिपोर्ट के रूप में की गई है, जो प्रति वर्ष 6.2 मिलियन टन CO2e के कुल अनुमानित टाले गए उत्सर्जन के साथ परियोजनाओं के प्रति प्रतिबद्धता दिखाती है, जो नॉर्वे के वार्षिक उत्सर्जन के 13% के बराबर है. भारत में नॉर्वे के राजदूत हैंस जैकब ने ट्विटर पर कहा कि नॉर्वेजियन क्लाइमेट इन्वेस्टमेंट फंड @norfund इक्विटी में 2.4 बिलियन रुपये का अपना निवेश बढ़ा रहा है और नॉर्वेजियन पेंशन कंपनी के साथ गुजरात में @enelgreenpower 168 MW पवन ऊर्जा संयंत्र को ऋण गारंटी में 4 बिलियन रुपये दे रहा है.
नॉर्वेजियन दूतावास द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि एनेल ग्रीन पावर की स्थापना 2008 में एनेल ग्रुप के भीतर विश्व स्तर पर अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास और प्रबंधन के लिए की गई थी, जो यूरोप, एशिया, अफ्रीका और अमेरिका में 59 GW से अधिक स्थापित नवीकरणीय क्षमता का संचालन करती है. जुलाई 2020 में Norfund और एनेल ग्रीन पावर ने भारत में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए एक संयुक्त निवेश समझौता किया था.