लद्दाख : सेना के उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने लद्दाख की पहली महिला अधिकारी बनने वाली लेफ्टिनेंट रिगज़िन चोरोल से मुलाकात की. लेफ्टिनेंट रिगज़िन के पति राइफलमैन रिगज़िन केंडल ने ड्यूटी पर रहने के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया था. जिसके बाद पति के सपनों को साकार करने के लिए रिगज़िन चोरोल ने भारतीय सेना का हिस्सा बनने की ठानी. सेना के उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने लेफ्टिनेंट रिगजिन चोरोल की सराहना की.
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भारतीय सेना के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर डाले गये पोस्ट के माध्यम से कहा कि लेफ्टिनेंट रिगजिन लद्दाख की महिलाओं के लिए एक आइकन हैं. लेफ्टिनेंट रिगजिन भारतीय सेना में एक अधिकारी के रूप में कमीशन प्राप्त करने वाली ठंडे क्षेत्र की पहली महिला बनी है. पिछले साल, वह चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA) से पास आउट हुईं. उनके साथ अकादमी से 35 महिला कैडेट भी पास हुईं थी. महिला लेफ्टिनेंट ने तीन लद्दाख स्काउट्स के अपने पति राइफलमैन रिगजिन केंडल को ड्यूटी पर तैनात रहने के दौरान एक दुखद घटना में खो दिया था. इसके बाद, उन्होंने ओटीए के लिए तैयारी की.
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चोरोल ने अर्थशास्त्र में अपनी शिक्षा हासिल की है. वह अपने दिवंगत पति के सपने को पूरा करना चाहती थी. 11 महीने के कठोर प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद उन्होंने OTA चेन्नई में SSC W28 कोर्स की पासिंग आउट परेड में हिस्सा लिया. मीडिया से बातचीत करते हुए, रिगजिन ने बताया कि वह सेना में शामिल होना चाहती थीं. ठीक अपने पति की तरह राष्ट्र की सेवा करना चाहती थीं. लद्दाख की पहली महिला अधिकारी रिगज़िन चोरोल ने अपनी यात्रा के बारे में बात की.
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अपने प्रशिक्षण के बारे में बोलते हुए चोरोल ने कहा कि मेरी यात्रा उस दिन से शुरू हुई जब मैंने अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी में शामिल होने का फैसला किया. मेरे पति ने इतने सालों तक देश की सेवा की और एक अधिकारी बनना उनका सपना था, इसलिए मैंने संगठन में शामिल होने का फैसला किया. हमने 11 महीने तक कड़ा प्रशिक्षण लिया है. मेरे लिए अपने बच्चे से दूर रहना बेहद मुश्किल था. मैंने अपने बच्चे के भविष्य के लिए यह फैसला लिया.
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