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पूर्वोत्तर सीमा विवाद : 157 लोगों की गई जान, सबसे अधिक असम-नागालैंड सीमा विवाद में हुई मौत - गुवाहाटी

सबसे अधिक मौतें असम-नागालैंड सीमा विवाद में हुईं हैं. कुल 157 मौतों में से 136 मौतें सीमा विवाद के कारण हुईं. वहीं 10 मौत असम-अरुणाचल प्रदेश सीमा विवाद और 7 मौत असम-मिजोरम सीमा विवाद, चार मौत असम-मेघालय सीमा विवाद में हुईं हैं.

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Published : Aug 10, 2021, 9:40 PM IST

नई दिल्ली : असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद हिंसक हो गया है. केंद्र भी इस सीमा विवाद को सुलझाने के लिए सक्रिय है. पर असम का सिर्फ मिजोरम से सीमा विवाद नहीं है. उससे अलग हुए मेघालय, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश भी उससे जमीन के लिए संघर्ष कर रहे हैं. यह सीमा विवाद 1979 से चल रहा है. राइट्स एंड रिस्क एनालिसिस ग्रुप (आरआरएजी) की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम और नागालैंड में कम से कम 157 लोगों की मौत हुई है और 361 लोग घायल हुए हैं. 65,729 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.

आरआरएजी द्वारा आज जारी की गई रिपोर्ट, 'बॉर्डर डिस्प्यूट्स इन द नॉर्थईस्ट: द रेजिंग वॉर विदिन' के अनुसार राइट्स एंड रिस्क एनालिसिस ग्रुप के निदेशक सुहास चकमा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम और नागालैंड के मुख्यमंत्रियों को लिखे अपने पत्र में कहा है कि पीड़ित भारत के नागरिक हैं और स्थायी शांति निर्माण के उपाय तलाशने होंगे.

असम-नागालैंड में हुई अधिक मौत

157 मौतों में से सबसे अधिक मौतें असम-नागालैंड सीमा विवाद में हुईं, जिसमें 136 मौतें हुईं, इसके बाद 10 मौत असम-अरुणाचल प्रदेश सीमा विवाद, 7 मौत असम-मिजोरम सीमा विवाद और 4 मौत असम-मेघालय सीमा विवाद में हुईं.

पूर्वोत्तर सीमा विवाद

घायल हुए 369 व्यक्तियों में से, 184 असम-नागालैंड सीमा विवाद में घायल हुए. असम-मिजोरम सीमा विवाद में 143, असम-मेघालय सीमा विवाद में 18 के घायल होने की सूचना मिली. असम-अरुणाचल प्रदेश सीमा विवाद में 16 लोग गंभीर रूप से घायल हुए. असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद मुख्य रूप से 2018 में तेज हो गया और 143 लोगों के घायल होने से संघर्ष तेज हो गया है.

असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों में हुआ ट्विटर वॉर

बता दें कि सीमा विवाद को लेकर राज्यों के मुख्यमंत्री ट्विटर (Twitter) पर आपस में भिड़ गए. दिलचस्प बात ये है कि मुख्यमंत्रियों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी अपने-अपने पोस्ट में टैग किया है. लाठियों से लैस लोगों के हिंसा के एक वीडियो को ट्वीट करके मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने गृह मंत्री शाह से हस्तक्षेप की मांग करते हुए ट्वीट किया, 'इसे अभी रोकने की जरूरत है. घटना में असम के कछार के रास्ते मिजोरम लौट रहे एक दंपती के साथ स्थानीय ठगों और गुंडों ने मारपीट की गई है. आप इन हिंसक कृत्यों को कैसे सही ठहराने जा रहे हैं.'

इस पर पलटवार करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने ट्वीट किया, 'माननीय @ZoramthangaCM जी, कोलासिब (मिजोरम) के एसपी हमें अपने पद से हटने के लिए कह रहे हैं, तब तक उनके नागरिक न सुनेंगे और न ही हिंसा रोकेंगे. हम ऐसी परिस्थितियों में सरकार कैसे चला सकते हैं ? आशा है कि आप जल्द से जल्द हस्तक्षेप करेंगे.'

क्या है विवाद की असली वजह

  • काफी समय से चले आ रहे सीमा विवाद को खत्म करने के लिए सन 1995 के बाद से कई वार्ताएं हुई, लेकिन इनका कोई फायदा नहीं हुआ. मिजोरम के तीन जिले आइजोल, कोलासिब और ममित और असम के तीन जिले कछार, करीमगंज और हैलाकांडी एक दूसरे से सटे हुए हैं. दोनों ही राज्‍यों के बीच लगभग 164.6 किलोमीटर लंबी सीमा है.
  • वर्षों से सीमाई विवाद वाले इस क्षेत्र में झड़पें होती आई हैं. दोनों ही राज्‍यों के नागरिक एक-दूसरे पर घुसपैठ का आरोप लगाते रहे हैं. इससे पहले जून महीने में दोनों राज्‍यों के अधिकारियों ने एक-दूसरे पर घुसपैठ का आरोप लगाया था.
  • असम के अधिकारियों और विधायकों ने मिजोरम पर राज्‍य में हैलाकांडी में दस किलोमीटर भीतर संरचनाओं का निर्माण करने और सुपारी एवं केले की फसल लगाने का आरोप लगाया था. बता दें कि मिजोरम के अलावा असम का मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के साथ भी सीमा विवाद है.
  • असम और मिजोरम के बीच विवादित सीमा पर पिछले 30 जून से तनाव जारी है. पड़ोसी राज्य के उग्रवादी संगठन से धमकियां मिलने के बाद पिछले सप्ताह कुछ भयभीत ग्रामीणों ने गांवों को छोड़ दिया है. आज का दिन दोनों राज्य के सीमावर्ती लोगों के लिए रक्तपात का दिन बन गया.
  • बीते 10 जुलाई को असम सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल सीमावर्ती इलाके के दौरे पर गया था और उस समय प्रतिनिधिमंडल पर जानलेवा हमला हुआ था.
  • असम में फिलहाल भाजपा की सरकार है जबकि मिजोरम में भाजपा नीत पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (नेडा) में शामिल मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) की सरकार है.

असम पुलिस ने दागे आंसू गैसे के गोले : मिजोरम गृह मंत्री

मिजोरम गृह मंत्री मिन लालचमलियाना ने असम पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया कि मिजोरम पुलिस पर आंसू गैस के गोले दागे गए और उसके बाद असम की ओर से गोलीबारी की गई. ज​बकि मिजोरम के कोलासिब जिले में स्थित सीआरपीएफ ड्यूटी कैंप के अंदर असम पुलिस के साथ कोलासिब के एसपी की वार्ता हो रही थी. बाद में मिजोरम पुलिस ने असम पुलिस पर वापस फायरिंग करके जवाब दिया.

गृह मंत्री ने आगे कहा कि असम पुलिस आईजीपी के नेतृत्व में लगभग 200 असम सशस्त्र पुलिस के जवान सोमवार को वैरेंगटे ऑटो-रिक्शा स्टैंड पर आए. उन्होंने वहां तैनात सीआरपीएफ कर्मियों तैनात द्वारा रोके जाने के बावजूद ड्यूटी पोस्ट को जबरन पार किया और मिजोरम पुलिस के एक ड्यूटी पोस्ट को ढहा दिया. आगजनी की सूचना पर असम पुलिस, वैरेंगटे शहर के निवासी, पूछताछ के लिए साइट पर रवाना हुए.

कांग्रेस ने हिंसा को लेकर भाजपा पर साधा निशाना

कांग्रेस ने एक बयान में कहा था कि यह बहुत चिंता का विषय है कि एक ओर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री ट्विटर पर खुलेआम बहस कर रहे थे, दूसरी ओर तनाव बढ़ रहा था. पार्टी ने पूछा कि कल यानी रविवार को गृह मंत्री ने अंतरराज्यीय सीमा विवाद के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों और मुख्य सचिवों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की थी. उनके बीच क्या हुआ? सीमा विवादों को कम करने के लिए क्या नीतियां अपनाई गईं?

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