गुवाहाटी : रूस-यूक्रेन युद्ध देश में ऊर्जा क्षेत्र को प्रभावित किया है. इसके समाधान के रूप में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने अधिक हरित ग्रीन उर्जा उत्पादन के लिए सौर मार्ग अपनाया है. 2030 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने के लिए, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने पूरे क्षेत्र में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करके अधिक से अधिक ग्रीन इनर्जी उत्पन्न करने के लिए कदम उठाए हैं.
शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने मार्च 2022 तक 4358.233 किलो वाट पीक (केडब्ल्यूपी) उत्पादन करने वाले रूफ-टॉप सौर ऊर्जा संयंत्रों को चालू किया गया है. एनएफ रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे ने कहा कि इससे 44.54 लाख यूनिट उर्जा की बचत होगी साथ ही लगभग 3.56 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत भी होगी. चालू वित्तीय वर्ष में एनएफ रेलवे अपने अधिकार क्षेत्र में सौर रूफ टॉप सिस्टम की 1500 केडब्ल्यूपी क्षमता को चालू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
सब्यसाची डे ने कहा, "इनमें सिलचर स्टेशन में 100 केडब्ल्यूपी, गुवाहाटी स्टेशन में 200 केडब्ल्यूपी और लुमडिंग डिवीजन के तहत कामाख्या स्टेशन शामिल हैं. बता दें कि एनएफ रेलवे का मुख्य वर्कशॉप न्यू बोंगाईगांव में 1000 केडब्ल्यूपी चालू करने की योजना है. एनएफ रेलवे के सीपीआरओ ने यह भी कहा कि जारी यूक्रेन-रूस यूद्ध ने देश के ऊर्जा क्षेत्र को काफी प्रभावित किया है. एनएफ रेलवे अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है जो सभी की बिजली जरूरतों को पूरा करने में मददगार सावित होगा.