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Amartya Sen News : अमर्त्य सेन का विश्व भारती को पत्र, लीज खत्म होने से पहले 'प्रतीची' की जमीन पर कोई दावा नहीं कर सकता

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Published : Apr 18, 2023, 6:07 PM IST

पश्चिम बंगाल में विश्वभारती प्रशासन ने अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के घर के बाहर नोटिस चस्पा करवाया है. इसके बाद अमर्त्य सेन ने विश्वभारती प्रशासन को पत्र लिखकर कहा है कि लीज खत्म होने से पहले कोई भी जमीन पर दावा नहीं कर सकता (Amartya Sen wrote to Visva Bharati).

Amartya Sen wrote to Visva Bharati
अमर्त्य सेन

बोलपुर: नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने विश्व-भारती के बेदखली के नोटिस के जवाब में पत्र लिखा है (Amartya Sen wrote to Visva Bharati). विश्व भारती को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि किसी भी कानून के तहत विश्व-भारती के अधिकारी बेदखली योजना के साथ आगे नहीं बढ़ सकते हैं. उन्होंने कुछ कानूनी तर्क भी सामने रखे हैं.

विश्वभारती से बेदखली की चेतावनी के नोटिस के बाद उन्होंने मंगलवार को विश्वविद्यालय के अधिकारियों को पत्र में साफ लिखा है कि लीज खत्म होने से पहले कोई भी जमीन पर दावा नहीं कर सकता.

उन्होंने लिखा कि 'मैंने एक बयान देखा है कि शांतिनिकेतन में मेरे पैतृक घर में विश्व भारती की कुछ जमीन है. जिस मकान और जमीन का हम 1943 से नियमित रूप से उपयोग कर रहे हैं. मैं जमीन का धारक हूं और जमीन हस्तांतरित की गई है. 80 साल से इस्तेमाल की जा रही इस जमीन का स्वरूप जस का तस बना हुआ है. इस भूमि की लीज अवधि समाप्त होने से पहले कोई भी भूमि का दावा नहीं कर सकता है. मजिस्ट्रेट ने निर्देश दिया कि क्षेत्र में शांति भंग न हो और भूमि का कोई हस्तांतरण न हो.'

अमर्त्य सेन ने विश्व भारती के अधिकारियों को यहां तक ​​याद दिलाया कि मजिस्ट्रेट ने प्रतीची (सेन के घर) की जमीन में कानून व्यवस्था और शांति बनाए रखने का आदेश दिया था. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वह जून में शांतिनिकेतन लौट आएंगे.

गौरतलब है कि विश्व भारती के अधिकारियों ने नोबेल पुरस्कार विजेता पर सेन के पिता को पट्टे पर दी गई भूमि से 13 डेसिमल अधिक भूमि हड़पने का आरोप लगाया है. विश्व भारती के अधिकारियों ने उन्हें जमीन वापस करने के लिए कई पत्र भेजे. इसने पूरे देश में एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया.

इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अमर्त्य सेन का साथ दिया और उनके दिवंगत पिता आशुतोष सेन की वसीयत के मुताबिक 1.38 एकड़ जमीन अमर्त्य सेन के नाम दर्ज कराने का निर्देश दिया. बोलपुर भूमि एवं भूमि सुधार विभाग ने अमर्त्य सेन के नाम पर हाल ही में जमीन दर्ज की है.

गौरतलब है कि पंडित क्षितिमोहन सेन ने गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के साथ विश्वभारती की स्थापना में बराबर की भूमिका निभाई थी. उनकी बेटी अमिता सेन टैगोर की शिष्या थीं, जिन्होंने नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री को 'अमर्त्य' नाम दिया था. टैगोर के समय से सेन परिवार शांतिनिकेतन में रह रहा है.

अमर्त्य सेन के पिता आशुतोष सेन ने 1943 में विश्वभारती से प्रतीची हाउस की जमीन को नियमानुसार पट्टे पर दे दिया. बाद में कार्यकाल के अंत में 2006 में, अमर्त्य सेन को पूरी भूमि विरासत में मिली.

विश्व भारती के अधिकारियों ने आरोप लगाया था कि अमर्त्य सेन को 1.25 एकड़ जमीन पट्टे पर दी गई थी लेकिन, संबंधित घर के पास कुल 1.38 एकड़ जमीन है और सेन के पास 13 डिसिमल अतिरिक्त जमीन है. अमर्त्य सेन ने तर्क दिया कि उनके दिवंगत पिता की वसीयत के अनुसार पूरी जमीन उनकी विरासत है.

अमर्त्य सेन इस समय विदेश में हैं. वहां से उन्होंने आशंका जताई कि उनकी अनुपस्थिति में, शांतिनिकेतन के 'प्रतीची' घर और जमीनों से बेदखल किया जा सकता है. प्रतीची घर के रखरखाव के प्रभारी गीतिकांत मजूमदार ने इसे लेकर शिकायत की थी. अनुमंडल न्यायालय में मामले की सुनवाई हुई. मजिस्ट्रेट ने अमर्त्य सेन के घर और आसपास के इलाकों में शांति निकेतन पुलिस स्टेशन को कानून व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया. विश्व भारती के अधिकारियों ने तुरंत 19 अप्रैल को प्रतीची में एक बेदखली नोटिस के साथ जवाब दिया.

पढ़ें- Amartya Sen News : विश्वभारती ने नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के घर पर चस्पा किया नोटिस, जानिए क्या है मामला

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