लंदन : नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर वेंकी रामकृष्णन ने ब्रिटेन की रॉयल सोसायटी के अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यकाल पूरा कर लिया. इस अवसर पर उन्होंने भावुक संदेश भी दिया.
प्रोफेसर वेंकी ने सोमवार को कार्यकाल समाप्त होने के मौके पर डिजिटल संबोधन में बताया कि किस तरह उनके पांच साल के कार्यकाल में ब्रेक्जिट और कोविड-19 महामारी जैसे दो बड़े घटनाक्रम छाये रहे. हालांकि, 68 वर्षीय जीवविज्ञानी ने दुनियाभर में विज्ञान के महत्व की मान्यता बढ़ने का स्वागत किया.
विदाई संबोधन में भावुक संदेश दिया
प्रोफेसर वेंकी ने विदाई संबोधन में कहा, 'कैसी विडंबना है कि भारत के साथ संपर्क में आये (रॉयल सोसायटी के) प्रारंभिक सदस्यों में रॉबर्ट क्लाइव और वारेन हेस्टिंग्स जैसे उपनिवेशवादी या थॉमस मैकॉले तथा रिचर्ड टेंपल जैसे औपनिवेशिक प्रशासक थे. उन्होंने निश्चित रूप से भारतीयों को किसी भी तरह अपने समान नहीं माना और साफ तौर पर इस बात से हैरान होते कि एक दिन भारत में जन्मा कोई व्यक्ति उनका साथी बनेगा. सोसायटी के अध्यक्ष की बात तो छोड़ ही दो.'