लखनऊ :अब रेलवे के बड़े अफसर किसी भी स्टेशन का निरीक्षण करने जाएंगे तो यहां पर अर्दलियों को उनकी जी हुजूरी नहीं करनी होगी. उनके लिए कोई रेड कारपेट भी अब नहीं बिछाया जाएगा. अभी तक रेलवे के बड़े अधिकारी जहां भी आते हैं, वहां पर सैलून साइडिंग से उतरने के बाद अर्दली उनकी खातिरदारी में लगते हैं. साथ ही वहां पर डेकोरेशन किया जाता है. रेड कारपेट भी बिछाया जाता है. हाल ही में रेल मंत्री (Rail Minister Ashwini vaishnaw ) ने इस खातिरदारी पर नाराजगी जताते हुए अफसरों को इन व्यवस्थाओं को भूलने की नसीहत दी है. ऐसे में अब निरीक्षण के दौरान अधिकारी भी वीआईपी नहीं रह जाएंगे. अब रेलवे के महाप्रबंधक भी सामान्य रेल यात्री की तरह सफर करेंगे. उनके लिए स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था नहीं होगी. जूनियर अफसरों को भी उनकी खातिरदारी करने के लिए काम-धाम छोड़कर स्वागत में नहीं लगना पड़ेगा.
अब अर्दली नहीं करेंगे रेलवे अफसरों की जी हुजूरी, स्वागत में नहीं बिछेगा रेड कारपेट - रेलवे महाप्रबंधक रेड कारपेट
रेलवे में अंग्रेजों के जमाने से अधिकारियों के लिए वीवीआईपी ट्रीटमेंट की व्यवस्था रही है. खासकर जब महाप्रबंधक निरीक्षण के लिए जाते थे, तो उनका स्वागत रेड कारपेट पर होता था. उनके दौरे के लिए विशेष ट्रेन यानी सैलून चलती थी. अब ऐसा नहीं होगा. रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्वागत के तौर तरीके बंद करा दिए हैं (No Red Carpet for Railway Officers). रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर कारपोरेट कुलदीप सिंह ने इस बदलाव की पुष्टि की है.
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हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Rail Minister Ashwini vaishnaw ) ने कहा था कि रेलवे अधिकारियों को अपना माइंडसेट बदलना होगा. अपने को भी वीआईपी दिखाने की आदत छोड़नी होगी. यह बिल्कुल भी भूल जाना है. इंस्पेक्शन के दौरान उन्हें बिल्कुल भी एहसास नहीं कराना है कि वे वीवीआईपी हैं. 50 लोग उनकी जी हुजूरी में नहीं लगेंगे. यह भी सुनने और देखने में आता है कि इंस्पेक्शन के दौरान हर 10 मिनट पर कुछ न कुछ खाने को चाहिए होता है, यह भी बिल्कुल ठीक नहीं है. पूरी तरह से प्रोफेशनल बनना होगा. पब्लिक बिहेवियर को ध्यान में रखकर काम करना होगा. जो देश हित में हो उसी के लिए काम करें. रेलवे अधिकारी अपनी साम्राज्यवादी सोच को पूरी तरह से बदल लें, पूरी तरह से भूल जाएं.