कोलकाता :पश्चिम बंगाल में कार्यकर्ताओं की हत्या से स्थानीय नेता नाराज हैं और प्रदेश में धारा-356 लागू करने की मांग कर रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को साफ किया कि पश्चिम बंगाल में फिलहाल राष्ट्रपति शासन नहीं लगाया जाएगा. शुक्रवार को अमित शाह ने कोलकाता के एक बैठक में बीजेपी के सांसदों और विधायकों की बैठक ली. इस बैठक में बंगाल के नेताओं विशेषकर बीजेपी के सांसद और विधायकों ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की. मगर गृह मंत्री ने उनकी मांग को खारिज कर दिया. अमित शाह ने कहा कि क्या एक चुनी हुई सरकार को हटाया जा सकता है? उन्होंने पार्टी को लोकतांत्रिक तरीके से हिंसा के खिलाफ लड़ने की सलाह दी.
शाह ने नेताओं को समझाने के लिए ममता बनर्जी का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी को भी तब संघर्ष करना पड़ा था जब सीपीएम सत्ता में थी. उनकी लड़ाई के कारण माकपा को कम नुकसान नहीं उठाना पड़ा. गृह मंत्री ने राजनीतिक विरोध के बारे में बताते हुए कहा कि मैंने भी बहुत संघर्ष किया और मेरे खिलाफ हत्या के कई मामले दर्ज हैं. राजनीतिक आंदोलनों के दौरान मुझे भी पीटा गया था. हालांकि, ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार पर कटाक्ष करते हुए शाह ने कहा कि ममता अब वही कर रही हैं जो सीपीएम ने अपने शासनकाल में किया था. उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों को समझाया कि अगर आप विपक्ष में हैं तो आपको लड़ना होगा. आप मनोबल नहीं खो सकते. उन्होंने कहा कि सिर्फ हिंसा के बारे में बात करना काफी नहीं है, इसके खिलाफ संघर्ष करना जरूरी है. बिहार और केरल में भी बीजेपी कार्यकर्ताओं को इसी तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए हमें अपने दम पर लड़ना होगा.