नई दिल्ली:रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कोविड महामारी का रेलवे की आर्थिक स्थिति पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा है और ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों समेत कई श्रेणियों के किराये में छूट का दायरा बढ़ाना वांछनीय नहीं है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इन चुनौतियों के बावजूद भारतीय रेल ने दिव्यांगजनों की चार श्रेणियों, रोगियों एवं छात्रों की 11 श्रेणियों में किराए में छूट देना जारी रखा है. वैष्णव ने संसदन में कांग्रेस सांसद एके एंटनी और एनसीपी सांसद एम आरिफ के प्रश्नों के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा, 'भारतीय रेल पहले से ही वरिष्ठ नागरिकों समेत यात्रियों के लिए यात्रा लागत पर 50 प्रतिशत से अधिक का खर्च वहन कर रही है. इसके अलावा, कोविड-19 के कारण पिछले दो वर्षों की रेलवे की कमाई 2019-20 की तुलना में कम रही. इसका रेलवे की वित्तीय सेहत पर भी दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा.' वैष्णव ने कहा कि इसलिए, वरिष्ठ नागरिकों समेत कई श्रेणियों के किराये में छूट का दायरा बढ़ाना वांछनीय नहीं है. इन चुनौतियों के बावजूद, भारतीय रेल ने दिव्यांग व्यक्तियों की चार श्रेणियों, रोगियों और विद्यार्थियों की 11 श्रेणियों के लिए किराए में रियायत जारी रखी है."
उन्होंने कहा कि रेलवे गरीब रथ, राजधानी, शताब्दी, दुरंतो, वंदे भारत, गतिमान, तेजस, हमसफर, मेल व एक्सप्रेस, साधारण पैसेंजर आदि जैसी विभिन्न प्रकार की रेल सेवाओं का परिचालन करती है. इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिकों सहित सभी यात्रियों के उपयोग के लिए विभिन्न किराया संरचनाओं पर 1एसी, 2एसी, 3एसी, एसी चेयर कार शयनयान श्रेणी, दवितीय श्रेणी आरक्षित व अनारक्षित जैसी विभिन्न श्रेणियां उपलब्ध हैं, जिनमें यात्री अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार यात्रा कर सकते हैं.