पलक्कड (केरल) : डिप्लोमेटिक बैगेज के जरिये सोने की स्मगलिंग करने की आरोपी स्वप्ना सुरेश सीएम पिनराई विजयन के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर कायम है. स्वप्ना सुरेश ने बुधवार को कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, उनके परिवार के सदस्यों और कुछ शीर्ष नौकरशाहों के खिलाफ आरोप व्यक्तिगत या राजनीतिक मकसद से प्रेरित नहीं हैं. बता दें कि स्वप्ना ने गोल्ड स्मगलिंग मामले में दर्ज कराए बयान में केरल सीएम का नाम लिया है.
स्वप्ना ने अदालत के सामने आईपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज कराए गए अपने बयान में गोल्ड स्मगलिंग केस में शामिल लोगों और उनकी संलिप्तता के बारे में खुलासा किया था. स्वप्ना सुरेश ने दावा किया कि उसने 164 बयान इसलिए दिया क्योंकि उसकी जान को खतरा था. अगर उसे या उसके परिवार के सदस्यों को कुछ होता है, तो वह आगे आकर मामले के बारे में बोलने की हिम्मत न कर सके. इसलिए, सुरक्षित रहने के लिए उसने अदालत के सामने सभी बयानों को तथ्यों के साथ पेश किया. उसके पास अभी काफी कुछ कहने के लिए बाकी है.
चीफ मिनिस्टर पिनाराई विजयन ने स्वप्ना की ओर से लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया था. सीएम ने इन आरोपों को पॉलिटिकल एजेंडा बताया था. माकपा और पार्टी के नेतृत्व वाले एलडीएफ ने भी विजयन का जोरदार बचाव करते हुए बयान जारी किए थे. वाम दलों ने दावा किया कि स्वप्ना सुरेश के बयानों से स्पष्ट है कि विजयन के नेतृत्व वाली सरकार की छवि खराब करने के लिए एक राजनीतिक साजिश रची गई है. एलडीएफ के संयोजक ई पी जयराजन ने कहा कि सीएम के खिलाफ निराधार आरोपों के पीछे सुनियोजित साजिश है. राज्य सरकार को मामले की जांच करनी चाहिए और पता लगाना चाहिए कि इसके पीछे कौन हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि स्वप्ना सुरेश को आरएसएस कंट्रोल कर रहा है. जयराजन ने कहा कि ऐसे आधारहीन आरोपों पर सीएम को जवाब नहीं देना चाहिए. ऐसे में इस्तीफा देने का सवाल भी नहीं उठता है.