तिरुवनंतपुरम: भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान कोझिकोड से एकत्र किए गए जानवरों के नमूनों में निपाह वायरस की उपस्थिति का पता लगाने में विफल रहा. नमूने 21 सितंबर को मुख्य रूप से चमगादड़ों और सूअरों से एकत्र किए गए थे. नमूने भोपाल भेजे गए और रिजल्ट नेगेटिव पाए गए. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अब निपाह फैलने के वास्तविक स्रोत का पता लगाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
मारुथोंकारा और आसपास के इलाकों में चमगादड़, सूअर, बकरी, कुत्ते, बिल्ली, सुपारी और रामबूटन अभी भी संदेह के घेरे में हैं. भोपाल में राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान के नमूनों के परीक्षण चमगादड़ और सूअर दोनों के लिए आश्वस्त करने वाले हैं. उनके 42 सैंपल के टेस्ट रिजल्ट नेगेटिव हैं. लेकिन अभी भी बहुत सारे संदेह और सवाल हैं.
क्या किसी क्षेत्र के सभी चमगादड़ वायरस से संक्रमित हो सकते हैं जबकि चमगादड़ मुख्य वायरस वाहक हैं? क्या होगा यदि वायरस चमगादड़ से आया और वह स्तनपायी नमूने एकत्र करने के लिए उपलब्ध नहीं होगा? किसी संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु के कुछ दिनों बाद एकत्र किए गए नमूने कितने प्रभावी हैं? अतः अध्ययन एवं परीक्षण सावधानीपूर्वक जारी रखना चाहिए. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि यह वायरस चमगादड़ से दूसरे जानवरों में या चमगादड़ की लार या मल से फैल सकता है. ऐसे में हमें तब तक सावधानी से इंतजार करना चाहिए जब तक कि अब सामने आई 'नेगेटिव' रिपोर्ट 'पॉजिटिव' न हो जाए.