नई दिल्ली : दूरसंचार विभाग (DoT) ने आम जनता को धोखाधड़ी वाली कंपनियों और व्यक्तियों से सुरक्षित रहने की चेतावनी दी है. विभाग ने ऐसे लोगों से सावधान रहने को कहा है जो मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए भारी मासिक किराये के भुगतान का वादा करके लोगों को ठगते हैं. दूरसंचार विभाग ने एक बयान में कहा कि न तो भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) और न ही विभाग मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए किसी परिसर को पट्टे पर या किराए पर लेने में शामिल है. सरकार ने यह भी कहा कि वह मोबाइल टावर लगाने के लिए कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी नहीं करती है.
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DoT ने इस तरह की धोखाधड़ी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है. सरकार ने उन धोखेबाजों के खिलाफ भी जनता को आगाह किया है जो मोबाइल टावर लगाने के लिए दूरसंचार कंपनियों के नाम पर अग्रिम धन भी मांगते हैं. सरकार ने कहा कि कोई भी दूरसंचार सेवा प्रदाता टावर लगाने के लिए अग्रिम राशि नहीं मांगता है. अधिकारियों ने कहा कि जनता को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है. टावर की वास्तविक स्थापना से पहले कंपनी, एजेंसी, जो अग्रिम या आवेदन शुल्क या पैसे के लिए देने के लिए कहे तो उसकी जांच करें और आवश्यक लगे तो पुलिस से भी मदद लें. अधिकारियों ने कहा कि घर के मालिकों को इन एजेंटों के ऐसे किसी भी अनुरोध पर विचार करने से पहले डीओटी वेबसाइट से टीएसपी / आईपी -1 की प्रामाणिकता को सत्यापित करना चाहिए क्योंकि टीएसपी और आईपी -1 की अद्यतन सूची विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है.