चेन्नई :केंद्र सरकार के जीएसटी आयुक्त (GST Commissioner) ने बुधवार को मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) को बताया कि संगीतकार एआर रहमान (AR Rahman) को नोटिस दिए जाना उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए नहीं था.बता दें कि रहमान को 2019 में फिल्म निर्माताओं को काम का पूरा कॉपीराइट नहीं देने और टैक्स चोरी करने की वजह से जीएसटी आयुक्त ने कहा था कि उन्हें 6 करोड़ 79 लाख रुपये सेवा कर के रूप में देने होंगे.
इस पर फरवरी 2020 में संगीतकार एआर रहमान ने इस नोटिस को रद्द करने की मांग करते हुए मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. अपनी याचिका में उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माताओं को संगीत कार्यों का कॉपीराइट स्थायी रूप से देने के बाद, वे मालिक थे और उनसे कर वसूलना अवैध था. साथ ही यह भी उल्लेख किया कि नोटिस केवल उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए भेजा गया था. याचिका पर सुनवाई जस्टिस अनीता सुमंत ने की.